नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश बनाने और झूठे मुकदमों से बचाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया केंद्र सरकार को है।
डॉक्टर अर्चना शर्मा पर केस दर्ज
गौरतलब है कि 28 मार्च को दौसा के एक निजी अस्पताल में आशा देवी नामक महिला की प्रसव के बाद हुए रक्तस्राव से मौत हो गई थी। इसे लेकर महिला के परिजनों ने हंगामा किया। दबाव में पुलिस ने डॉक्टर अर्चना शर्मा और उनके पति डॉक्टर सुनीत उपाध्याय पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया। इससे तनाव में आकर डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि महिला की मौत प्रसव से जुड़ी शारीरिक जटिलताओं की वजह हुई थी। कोई डॉक्टर अपने मरीज की हत्या नहीं करता। सुसाइड नोट में लिखा गया था कि डॉक्टरों को इस तरह परेशान करना बंद होना चाहिए।
महिला डॉक्टर की खुदकुशी
मरीज की हत्या का केस दर्ज होने से परेशान महिला डॉक्टर की खुदकुशी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने याचिका दायर की है। याचिका में घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक देव सुधी ने याचिका में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जारी करने और इस तरह की घटनाओं में मारे जाने वाले डॉक्टरों को मुआवजा देने की व्यवस्था बनाने की भी मांग की है। याचिका में सभी थानों में मेडिको लीगल सेल को डिजिटल बनाने की मांग की गई है।