Delhi News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन 4 से 6 जुलाई तक दिल्ली स्थित केशव कुंज में किया जा रहा है। यह बैठक संघ की संगठनात्मक समीक्षा और आगामी शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर केंद्रित होगी।
इस बैठक को निर्णयात्मक नहीं, बल्कि संगठन की प्रगति और अनुभवों की साझा चर्चा के मंच के रूप में देखा जाता है। इसमें विभिन्न प्रांतों में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही संघ के विभिन्न कार्य विभागों के प्रदर्शन और योजनाओं पर भी विचार-विमर्श होगा।
कौन-कौन रहेगा उपस्थित ?
बैठक में पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले सहित संघ के सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ प्रेरित 32 अखिल भारतीय संगठनों के संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे। यह बैठक कार्यकर्ताओं के लिए मार्गदर्शन का अवसर भी होगी।
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस बार बैठक का मुख्य फोकस संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की तैयारियों पर रहेगा। देशभर के प्रांतों ने इस अवसर के लिए अपनी-अपनी योजनाएँ बनाई हैं, जिन पर बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
2 अक्टूबर से होगा शताब्दी वर्ष का शुभारंभ
शताब्दी वर्ष का आरंभ 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर में विजयादशमी उत्सव से होगा। उसी दिन देशभर में शाखा, मंडल और बस्ती स्तर पर भी उत्सव आयोजित किए जाएंगे। इस वर्षभर चलने वाले कार्यक्रमों में सामाजिक सहभागिता को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह भी पढ़ें : दरकते पहाड़, पिघलती बर्फ, उत्तराखंड की 25 झीलें बनीं…
शताब्दी वर्ष के अंतर्गत एक विशेष अभियान के तहत स्वयंसेवक घर-घर जाकर संपर्क करेंगे। इस दौरान वे संघ साहित्य भी वितरित करेंगे और संवाद करेंगे। साथ ही, नगर और खंड स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
युवाओं की बढ़ती भागीदारी
आंबेकर जी ने बताया कि मार्च के बाद देशभर में 100 प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए हैं, जिनमें 75 वर्ग 40 वर्ष से कम और 25 वर्ग 40-60 वर्ष की आयु के स्वयंसेवकों के लिए थे। इसके अलावा, “ज्वाइन आरएसएस” के माध्यम से 28,571 लोगों ने अप्रैल से जून के बीच संघ से जुड़ने के लिए पंजीकरण करवाया है। शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ ने समाज के समक्ष “पंच परिवर्तन” का विचार रखा है।
इसमें सामाजिक समरसता, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, स्व-बोध और सांस्कृतिक गौरव, पारिवारिक संस्कार, और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता जैसे पहलुओं पर कार्य किया जाएगा। सरसंघचालक जी की प्रवास योजना पर भी बैठक में चर्चा होगी। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में उनके विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें समाज के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।