Power Employees Strike Against Privatization in UP : उत्तर प्रदेश में दो बड़ी बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ देशभर के बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान किया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि 9 जुलाई को करीब 27 लाख बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण करने का फैसला लिया है। ये दोनों कंपनियां प्रदेश के 75 में से 42 जिलों में बिजली पहुंचाती हैं।
देशभर में हो सकता है असर
AIPEF अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) के आह्वान पर पूरे भारत के बिजलीकर्मी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कर्मचारियों में लाइनमैन से लेकर जूनियर इंजीनियर और सीनियर इंजीनियर तक शामिल हैं। इतने बड़े स्तर पर कर्मचारियों के काम बंद करने से देश के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। दुबे ने साफ कहा कि अगर हड़ताल के दिन बिजली कट होती है तो उसकी जिम्मेदारी कर्मचारियों की नहीं होगी।
क्या करें पावर कट से बचने के लिए?
अगर 9 जुलाई को हड़ताल होती है तो आपके इलाके में बिजली जाना तय है। ऐसे में आपको पहले से ही इन्वर्टर चार्ज कर लेना चाहिए और बैकअप के लिए दूसरी व्यवस्था कर लेनी चाहिए।
निजीकरण के खिलाफ क्यों है विरोध?
शैलेंद्र दुबे का आरोप है कि यूपी पावर कॉर्पोरेशन और कुछ सरकारी अधिकारी निजी कंपनियों के साथ मिलकर करोड़ों की संपत्तियों को सस्ते दामों पर बेचना चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर ये कंपनियां निजी हाथों में चली जाती हैं तो किसान, गरीब और आम लोग जो अब तक बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा उठाते हैं, उन्हें नुकसान होगा।
कहां-कहां होगा प्रदर्शन?
यह विरोध सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं रहेगा। देश के कई शहरों जैसे हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, नागपुर, भोपाल, कोलकाता, पटना, रांची, श्रीनगर, शिमला, जयपुर, लखनऊ, देहरादून और गुवाहाटी में भी बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे।
सरकार क्या करेगी?
फिलहाल सरकार ने इस पर कोई बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन अगर हड़ताल होती है तो लाखों लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ सकता है। बैकअप तैयार रखें।