Yasin malik on strike in jail: आतंकी यासीन मलिक जो कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है वह अब भूख हड़ताल पर बैठ गया है। मलिक ने शुक्रवार को सुबह 7 बजे से अपनी हड़ताल शुरु की है, कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में ही बंद है। यासीन मलिक आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ भी है। जानकारी के मुताबिक जेल के अधिकारियों ने उसे हड़ताल खत्म करने की भी अपील की पर वह नहीं माना।
यासीन मलिक का बड़ा आरोप
यासीन मलिक का आरोप है कि उसके खिलाफ पेंडिंग मामलों की जांच सही ढंग से नहीं हो रही है और इसी जांच को सही तरीके से कराने की मांग के साथ वह सुबह से भूख हड़ताल पर बैठा है। आतंकी यासीन मलिक तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है, जहां उसे सुबह का ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाता है। लेकिन शुक्रवार सुबह जब कर्मचारी ब्रेकफास्ट लेकर उसके पास पहुंचे तो उसने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया। साथ ही कर्मचारी को बताया कि वह भूख हड़ताल पर हैं और उसने इसके बारें में पहले ही जेल के अफसरों को बता रखा है।
अप्रैल, 2019 में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में टेरर-फंडिंग और अलगाववादी समूहों से जुड़े मामले में मलिक को गिरफ्तार किया था। एक साल बाद मार्च, 2020 में मलिक और उसके छह साथियों पर आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (टाडा), शस्त्र अधिनियम 1959 और रणबीर दंड संहिता के तहत आरोप लगाए गए। 25 जनवरी, 1990 को रावलपोरा में भारतीय वायु सेना के 40 कर्मियों पर हमले में यह कार्रवाई हुई।
यासीन मलिक के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
यासीन मलिक को 25 मई को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दिल्ली की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इससे पहले 2017 में मलिक को कश्मीर घाटी में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित मामले में दोषी ठहराया गया। वहीं, 19 मई को दिल्ली की एनआईए अदालत ने उसे टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया।
JKLF का प्रमुख है यासीन मलिक यासीन मलिक
यासीन मलिक प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख है। उसे आतंकवाद के वित्त पोषण से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद 1989 के अपने अपहरण से जुड़े मामले में हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं। इस दौरान उन्होंने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और तीन अन्य की पहचान अपने अपहरणकर्ताओं के रूप में की थी।