केंद्र सरकार की कैबिनेट ने 31 दिसंबर 2025 को वोडाफोन आइडिया (Vi) को AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाये पर बड़ी राहत दी। ₹87,695 करोड़ के बकाये को फ्रीज कर 5 साल का मोरेटोरियम मंजूर किया गया, जो FY32 से चुकाने होंगे। यह कदम कर्जमुक्त Vi को नेटवर्क अपग्रेड और 5G रोलआउट के लिए सांस देगा।
Vi की वित्तीय मुश्किलें
Vi पर कुल ₹2.1 लाख करोड़ से अधिक कर्ज है, जिसमें ₹70,000+ करोड़ AGR बकाया प्रमुख। सुप्रीम कोर्ट के 2019 फैसले से टेलीकॉम कंपनियों पर बोझ पड़ा। Vi ने सितंबर 2025 में ₹9,450 करोड़ पेनल्टी-ब्याज माफी मांगी, लेकिन SC ने नवंबर में DoT को सभी बकाये रीकैलकुलेट करने की छूट दी। बिना राहत के मार्च 2026 तक कैश खत्म होने का खतरा था।
राहत पैकेज की मुख्य बातें
AGR फ्रीज: ₹87,695 करोड़ बकाया बिना ब्याज के FY32 तक स्थगित।
5-वर्ष मोरेटोरियम: FY32-41 तक किस्तों में भुगतान, नकदी दबाव कम।
नेटवर्क निवेश: Vi को ₹50,000-55,000 करोड़ कैपेक्स (4G/5G) के लिए समय।
कैबिनेट की यह मंजूरी PM मोदी की अध्यक्षता में हुई, जो 3+1 टेलीकॉम स्ट्रक्चर (Jio, Airtel, Vi + BSNL) बनाए रखने की सरकारी रणनीति का हिस्सा है।
शेयर बाजार का रिएक्शन
खबर आने से पहले Vi शेयर 52-सप्ताह हाई ₹12.36 तक पहुंचे (2%+ उछाल)। मंजूरी के बाद 16% गिरावट आई (₹11.23 पर बंद), क्योंकि राहत उम्मीद से कम (पूर्ण वेवर नहीं)। Ambit Capital ने कहा, यह बैंक डेट रेजिंग और सब्सक्राइबर रिटेंशन में मदद करेगी।
टेलीकॉम सेक्टर पर असर
राहत से Vi का अस्तित्व बचेगा, लेकिन Jio-Airtel के दबदबे पर असर कम। सरकार ड्यूओपॉली नहीं चाहती। Vi को 200 मिलियन यूजर्स हैं, लेकिन मार्केट शेयर घटकर 17% रह गया। अगला फोकस: FPO से ₹18,000 करोड़ जुटाना और 5G स्पेक्ट्रम।
भविष्य की चुनौतियां
राहत शॉर्ट-टर्म सॉल्यूशन है। Vi को ARPU बढ़ाना (₹175), चर्न रोकना और टैरिफ हाइक जरूरी। सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केस (₹45,000 करोड़ वेवर) पर फैसला बाकी। विशेषज्ञों का मानना: बिना प्राइवेट इनवेस्टमेंट के लॉन्ग-टर्म सर्वाइवल मुश्किल।



