गिग वर्कस क्यों कर रहे हड़ताल? 10 मिनट में डिलीवरी क्यों जान पर बन आई?

गिग वर्कर्स ने Blinkit-Zepto के खिलाफ हड़ताल की: न्यूनतम मजूरी, इंश्योरेंस, 10 मिनट डिलीवरी बंद करने की मांग। दिल्ली-NCR में डिलीवरी प्रभावित।

गिग वर्कर्स (डिलीवरी बॉय, ड्राइवर) ने Blinkit, Zepto, Swiggy, Zomato जैसी क्विक कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी है। मुख्य मांगें: न्यूनतम मजूरी, हेल्थ/लाइफ इंश्योरेंस, एक्सीडेंट कवरेज और 10 मिनट डिलीवरी मॉडल पर रोक। दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु में सैकड़ों वर्कर्स सड़कों पर उतरे।

हड़ताल का कारण और ट्रिगर

हड़ताल का तात्कालिक कारण 10 मिनट डिलीवरी का दबाव है, जो ट्रैफिक में जान जोखिम में डालता है। हाल के हफ्तों में 5 डिलीवरी बॉय की मौतें (रोड एक्सीडेंट) दर्ज। वर्कर्स का आरोप: लेट होने पर पेमेंट कट, रेटिंग गिरने से काम छिनना। राज्यसभा में AAP सांसद राघव चड्ढा ने इसे “क्रूर पूंजीवाद” कहा।

मुख्य मांगें: क्या चाहते हैं वर्कर्स?

गिग वर्कर्स यूनियन (GWU) और अन्य संगठनों ने ये मांगें रखीं:

प्रभाव: शहरों में डिलीवरी प्रभावित

दिल्ली-NCR में 70% ऑर्डर प्रभावित; Zepto-Blinkit ऐप्स पर “डिले” मैसेज। मुंबई में 200+ वर्कर्स ने हड़ताल की। Zomato ने कहा, “चर्चा जारी”; Blinkit ने “सेफ्टी प्रायोरिटी” का दावा किया। उपभोक्ताओं में असुविधा, लोकल दुकानों को फायदा।

सरकारी और कानूनी रुख

केंद्र ने लेबर कोड 2020 के तहत गिग वर्कर्स को “प्लेटफॉर्म वर्कर्स” मान लिया। CCI क्विक कॉमर्स पर प्रेडेटरी प्राइसिंग जांच कर रही। CCPA ने ऐड्स पर नोटिस दिए। यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी।

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