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एयर प्यूरीफायर पर नहीं घटेगा GST: सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज करने का किया अनुरोध

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस मानकर उस पर 18% से घटाकर 5% GST लगाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर कहा — “यह मेडिकल डिवाइस नहीं, उपभोक्ता उत्पाद है।”

Swati Chaudhary by Swati Chaudhary
December 26, 2025
in देश
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सरकार ने याचिका को लेकर क्या कहा?

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में एयर प्यूरीफायर को “मेडिकल डिवाइस” घोषित कर GST घटाने की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अदालत से इसे खारिज करने का आग्रह किया है।
सरकार का तर्क है कि एयर प्यूरीफायर कोई मेडिकल उपकरण नहीं, बल्कि उपभोक्ता उत्पाद (consumer good) है, इसलिए उस पर 18% GST उचित है।​

केंद्र का तर्क — “मेडिकल डिवाइस नहीं”

राजस्व विभाग (Department of Revenue) की ओर से दलील दी गई कि मेडिकल डिवाइस का अर्थ मेडिकल डिवाइस रूल्स-2017 के अनुसार स्पष्ट है —
ऐसे उपकरण जो रोग की रोकथाम, निदान या उपचार में सीधा उपयोग हो।
एयर प्यूरीफायर जीवनरक्षक या चिकित्सीय उपकरण की इस श्रेणी में नहीं आते।
सरकार ने कहा कि “इनका उद्देश्य हवा को स्वच्छ बनाना है, रोग का इलाज नहीं।”​

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कोर्ट में क्या हुआ?

दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करण की बेंच ने दलीलों पर सुनवाई की।
सेंटर ने कहा कि दिल्ली‑NCR में वायु प्रदूषण से लड़ना “नीति स्तर का मामला” है, टैक्स में छूट नहीं।
कोर्ट ने इस पर नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई जनवरी 2026 तक स्थगित कर दी है।​

याचिका में क्या मांग की गई थी?

अधिवक्ता कपिल मदान की जनहित याचिका में कहा गया था कि दिल्ली‑NCR की विषाक्त हवा में मानव स्वास्थ्य खतरे में है।
इसलिए एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस का दर्जा देकर उस पर GST 18% से घटाकर 5% किया जाए।
यह भी दलील दी गई कि WHO‑SEARO व AIIMS के विशेषज्ञों ने प्रदूषण को “सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल” करार दिया है। ऐसे में एयर प्यूरीफायर कोई लग्ज़री नहीं बल्कि “life‑supportive equipment” है।​

सरकार की अतिरिक्त सफाई

राजस्व विभाग ने कहा कि यदि हर उपभोक्ता वस्तु को मेडिकल उपकरण मान लिया जाए, तो अन्य उत्पाद जैसे पानी फिल्टर, एयर कंडीशनर या ह्यूमिडिफायर को भी मेडिकल डिवाइस घोषित करना पड़ेगा। सरकार का तर्क था कि टैक्स व्यवस्था नीति‑निर्माताओं का अधिकारक्षेत्र है और अदालतें इस पर हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।​

पर्यावरण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

डॉक्टरों ने कहा कि दिल्ली की हवा अस्थमा, COPD, दिल और किडनी रोगियों के लिए जानलेवा है।
एयर प्यूरीफायर अस्थायी राहत जरूर देते हैं, लेकिन प्रदूषण को खत्म नहीं करते।
कई विशेषज्ञ सरकार के फैसले से सहमत हैं कि टैक्स राहत से ज्यादा जरूरी प्रदूषण नियंत्रण के दीर्घकालिक उपाय हैं।

Tags: Air pollution Delhi NCR petition newsAir purifier GST 18 percent Delhi High CourtCentre opposes medical device classificationGovt reply in air purifier case 2025
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