नई साल से ठीक पहले स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय 31 दिसंबर को पोस्ट ऑफिस और अन्य छोटी बचत योजनाओं की दरों की तिमाही समीक्षा करेगा, जिसके बाद जनवरी–मार्च 2026 के लिए नई दरें लागू होंगी।
31 दिसंबर को क्या फैसला होना है?
वित्त मंत्रालय हर तिमाही PPF, NSC, KVP, सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), पोस्ट ऑफिस TD, MIS आदि की ब्याज दरों की समीक्षा करता है।
जनवरी–मार्च 2026 (Q4 FY 2025–26) के लिए नई दरों का ऐलान 31 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा, जो 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी।
अभी कौन‑सी स्कीम पर कितनी ब्याज मिल रही है?
अक्टूबर–दिसंबर 2025 तिमाही के लिए मौजूदा मुख्य दरें इस प्रकार हैं:
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) – 8.0–8.2%
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) – 8.2%
NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट) – 7.7%
PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) – 7.1%
किसान विकास पत्र (KVP) – 7.5% (म्याच्योरिटी ~115 महीने)
पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना (MIS) – 7.4%
पिछली कई तिमाहियों से सरकार ने ज्यादातर स्कीम्स की दरें बदलाव के बिना स्थिर रखी हैं।
दरें कैसे तय होती हैं?
ब्याज दरें सरकारी बॉन्ड यील्ड के आधार पर तय की जाती हैं; श्यामला गोपीनाथ कमेटी की सिफारिश है कि छोटी बचत की दरें समान अवधि के G-Sec यील्ड से 0.25–1.0% ज्यादा हों।
हाल के महीनों में G-Sec यील्ड में कुछ नरमी दिखी है, इसलिए कमेटी‑फॉर्मूला के हिसाब से कटौती की गुंजाइश बनती है, लेकिन सरकार इस फॉर्मूले को सख्ती से मानने के लिए बाध्य नहीं है।
मिडिल क्लास पर क्या असर हो सकता है?
PPF, NSC, SSY, SCSS जैसी योजनाओं पर मौजूदा रिटर्न जारी रहेंगे; मिडिल क्लास के “सेफ, फिक्स्ड” रिटर्न में कोई झटका नहीं।
थोड़ी कटौती (5–20 बेसिस प्वाइंट)
PPF को 7.1% से थोड़ा नीचे, या SSY/SCSS में हल्की कमी; लंबी अवधि में मैच्योरिटी अमाउंट पर असर दिखेगा लेकिन तुरंत EMI जैसा बड़ा झटका नहीं होगा।
कई रिपोर्टें मान रही हैं कि अगर कटौती हुई भी तो धीरे‑धीरे, सीमित रहेगी, ताकि रिटेल निवेशक FD से हटकर पोस्ट ऑफिस/PPF में रुचि बनाए रखें।
निवेशक अभी क्या करें?
31 दिसंबर से पहले अगर आप PPF, SSY, NSC, KVP या TD में निवेश बढ़ाने की सोच रहे हैं, तो मौजूदा ऊंची दरें “लॉक‑इन” करने का यह सही समय हो सकता है।
दरें घटती भी हैं तो पुराने निवेशों पर पहले से तय दरें पूरी अवधि तक मिलेंगी; बदलाव आम तौर पर नई/अतिरिक्त जमा पर ही लागू होता है।



