Lucknow news:दीपावली का त्योहार रोशनी और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन अगर हम इसे जिम्मेदारी से न मनाएं तो यह प्रकृति और जानवरों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण विभाग के निदेशक ने लोगों से अपील की है कि इस बार की दीपावली ईको-फ्रेंडली तरीके से मनाएं। उन्होंने कहा कि तेज आवाज वाले पटाखों और धुएं से न केवल हवा दूषित होती है, बल्कि आस-पास के पशु-पक्षियों और वन्यजीवों को भी नुकसान पहुंचता है।
कम आवाज वाले पटाखे जलाने की अपील
निदेशक ने शुक्रवार को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि त्योहार की खुशी मनाएं, लेकिन ध्यान रखें कि तेज आवाज वाले बम और रॉकेट जैसे पटाखे न जलाएं। ऐसे पटाखे जो ऊपर जाकर फटते हैं, उनसे आसपास के वन्यजीवों को डर और चोट का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई पटाखे चलाना चाहता है तो केवल कम आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल करें ताकि दूसरों को तकलीफ न हो।
वन्यजीवों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी
उन्होंने बताया कि प्राणी उद्यान और वन क्षेत्र के पास रहने वाले जानवरों को दीपावली के दौरान सबसे अधिक परेशानी होती है। ज्यादा आवाज और धुआं उनकी सेहत और व्यवहार पर असर डालता है। निदेशक ने कहा, “ये वन्यजीव हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं, इन्हें सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।” उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे अपने आस-पास के वातावरण को शांत और प्रदूषण रहित रखें ताकि सभी जीव सुरक्षित रहें।
ईको-ग्रीन दीपावली से होगा दोहरा लाभ
ईको-फ्रेंडली दीपावली न केवल हमारे पर्यावरण को बचाने में मदद करती है बल्कि इससे हमारे परिवार की सेहत भी बेहतर रहती है। ज्यादा पटाखे और फुलझड़ियों से हवा में जहरीले कण फैलते हैं, जिससे सांस की बीमारियां बढ़ती हैं। वहीं, कम आवाज वाले पटाखे या बिना पटाखों की दीपावली मनाने से ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। निदेशक ने कहा कि अगर हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझकर शांत और स्वच्छ दीपावली मनाएगा तो यह न सिर्फ एक अच्छा संदेश देगा बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर वातावरण भी तैयार करेगा।
हर घर में जलाएं उम्मीद की दीया,न कि धुआं
उन्होंने कहा कि दीपावली पर अपने घरों में दिए जलाएं, लेकिन ध्यान रखें कि आसमान में उड़ने वाले रॉकेट या तेज धमाके वाले पटाखों से दूरी बनाएं। उन्होंने कहा, “सच्ची खुशी तभी है जब हमारे आस-पास का वातावरण शांत और सुरक्षित रहे।”