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भारत में इन्फ्लुएंजा वायरस की हुई एंट्री, अब तक दो की मौत

H3N2 Influenza Virus: भारत में इन्फ्लुएंजा वायरस की हुई एंट्री, अब तक दो की मौत, इन राज्यों में बढ़ा संक्रमण

तीन साल बाद कोरोना महामारी से भारत को राहत मिल रही थी, लेकिन इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 ने फिर से एक बार चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि कुछ ही महीनों से सर्दी -जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन अब ये जानलेवा भी बनता जा राह है। इस वायरल बीमिारी से अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 से मौत हुई है. हालांकि, अभी और जांच की जा रही है। वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक के हासन में 82 वर्षीय व्यक्ति देश में H3N2 की वजह मरने वाला पहला व्यक्ति है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, किराए गौड़ा को 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। कहा जा रहा है कि उन्हें डायबिटीज और हार्ड ब्लड प्रेशर की समस्या भी थी।

बता दें कि देश में H3N2 वायरस के लगभग 90 मामले सामने आए हैं। एच1एन1 वायरस के भी आठ मामलों को दर्ज किया गया है। पिछले कुछ महीनों में देश में फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं। अधिकांश संक्रमण H3N2 वायरस के कारण ही रहा है, जिसे हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस देश में अन्य इन्फ्लुएंजा सब-वेरिएंट की तुलना में अधिक शक्तिशाली है। भारत में अब तक केवल H3N2 और H1N1 संक्रमण का पता चला है। इन दोनों में ही कोविड जैसे लक्षण हैं, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया है। महामारी के दो साल बाद, बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है।

कैसे फैलता है ये वायरस?

विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों ही वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है। डॉक्टरों ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने नागरिकों से आग्रह किया है कि छींकने व खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढकने की कोशिश करें।

ऐसे करें बचाव

नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक जगह पर हाथ मिलाने और थूकने से बचें।
आंख और नाक को छूने से बचें।
खांसते समय मुंह और नाक को कवर कर लें।
घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का लगाना जरूरी है।
प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें।
तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
बॉडी पेन या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें।

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