
वास्तु के अनुसार दक्षिण‑पूर्व दिशा आग्नि तत्व से जुड़ी है। इस कोने में रसोई हो या न हो, वहां नियमित रूप से दीपक जलाना शुभ माना जाता है। लाल या नारंगी रंग की सजावट और तांबे की पिरामिड रखने से निवेश और आर्थिक उन्नति के अवसर बढ़ सकते हैं।
वहीं, दक्षिण‑पश्चिम दिशा स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिशा में भारी सामान रखना, भूरे या बेज रंग का उपयोग करना और यहां गणेश या मनी बॉक्स रखना घर की आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाता है।
धन-समृद्धि के लिए उत्तर दिशा को सक्रिय करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवंबर 2025 में उत्तर दिशा (North) को साफ-सुथरा और खुला रखना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां एक छोटा फव्वारा लगाने से धन की ऊर्जा बढ़ सकती है, क्योंकि पानी की प्रवाहशीलता वित्तीय तरलता को प्रतिनिधित्व करती है। साथ ही, हल्के हरे या नीले रंग की सजावट इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा को मजबूत करती है।
दक्षिण-पूर्व को “पैसे का फ्लो” करने वाला कोना बनाएं
आग्नि तत्त्व (Fire Element) द्वारा नियंत्रित दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई हो या न हो, वहां नियमित रूप से दीपक जलाना शुभ माना जाता है। लाल, नारंगी या क्रिमसन रंग की सजावट इस कोने को धन और निवेश सकारात्मकता देता है। इसके अलावा, यहां तांबे की पिरामिड या छोटे क्रिस्टल्स (जैसे रोस क्वार्ट्ज) रखने से आर्थिक ऊर्जा को बढ़ावा मिल सकता है।
नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए पश्चिम दिशा पर ध्यान दें
पश्चिम दिशा शनि देव से जुड़ी मानी जाती है। अगर यह क्षेत्र अव्यवस्थित या गंदा रहेगा, तो वास्तु दोषों का जोखिम बढ़ सकता है, जिससे जीवन में स्थिरता न रहने और आर्थिक-कष्टों की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए इस ओर साफ-सफाई विशेष रूप से जरुरी है।
विशेष उपाय (रिमेडी)
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इस महीने, उत्तर दिशा में पानी (जैसे एक छोटा फव्वारा) लगाएं और उसकी सफाई नियमित रखें।
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दक्षिण-पश्चिम कोना में निवेश दस्तावेज़ या बचत से जुड़ी चीज़ें रखें, और वहां मिट्टी या ज़मीन से जुड़े रंगों का उपयोग करें।
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अगर घर के पूर्व-उत्तरी भाग में पूजा स्थल नहीं है, तो उसे व्यवस्थित कर लें — इसे सरल और पवित्र बनाएँ।
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प्रवेश द्वार पर सकारात्मक प्रतीक जैसे शुभ-लाभ या लक्ष्मी/गणेश की छोटी मूर्ति रखें और दरवाजे को हमेशा साफ और रोशन रखें।
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घर के केंद्र (ब्रह्मस्थान) को अव्यवस्था से बचाएं — इसे खुला और खाली रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बेहतर हो।