Flute Benefits in Vastu: भगवान श्रीकृष्ण की बात हो और बांसुरी का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। बांसुरी को श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय वस्तु माना जाता है और यही वजह है कि इसे दिव्यता का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में बांसुरी रखी जाती है, वहां सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
पूजा स्थान में क्यों रखें बांसुरी?
अगर आप अपने घर के मंदिर या पूजा स्थान पर बांसुरी रखते हैं, तो यह आध्यात्मिक उन्नति में मदद करती है। खासतौर पर जब आप इसे पूजा घर के दरवाजे पर तिरछा लगाते हैं, तो यह साधना और भक्ति में सकारात्मक असर देती है। याद रखें, बांसुरी को सीधा नहीं बल्कि हल्का तिरछा लगाना चाहिए।
वास्तु दोष से राहत दिलाए बांसुरी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बांसुरी रखने से वास्तु दोषों का निवारण होता है। अगर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो चांदी की बांसुरी रखना फायदेमंद होता है। वहीं, अगर मुमकिन हो तो सोने की बांसुरी भी रख सकते हैं, जो घर में लक्ष्मी का वास बनाए रखती है।
अगर महंगी बांसुरी नहीं खरीद सकते, तो बांस की बनी बांसुरी भी शुभ मानी जाती है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन के रास्ते खुलते हैं।
कहां और कैसे रखें बांसुरी?
शिक्षा, नौकरी या व्यापार में रुकावट हो रही हो तो शयन कक्ष (बेडरूम) के दरवाजे पर दो बांसुरियां लगाएं।
पति-पत्नी के बीच तनाव हो तो सिरहाने के पास बांसुरी रखें।
बीमार व्यक्ति के कमरे में बांसुरी रखने से सेहत में सुधार आता है।
घर के मुख्य द्वार पर बांसुरी लटकाने से समृद्धि आती है।
दुकान या नए व्यवसाय की शुरुआत में छत पर दो बांसुरियां लगाना लाभदायक होता है।
संतान की इच्छा रखने वाले दंपति बांसुरी को अपने पूजा स्थान में रखें।
बांसुरी के अन्य फायदे
बांसुरी की मधुर ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
इसका स्वर प्रेम और धन को आकर्षित करता है।
धार्मिक मान्यता है कि बांसुरी की आवाज से बुरी आत्माएं दूर भागती हैं।
यह प्राकृतिक ध्वनियों से मेल खाती है, जिससे मन को शांति मिलती है।