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शिक्षा मंत्रालय के रिपोर्ट में भारत के स्कूली शिक्षा के स्तर की खुली पोल,1 साल से ज्यादा समय से लटका है 20,000 स्कूलों पर ताला

शिक्षा मंत्रालय के रिपोर्ट में भारत के स्कूली शिक्षा के स्तर की खुली पोल,1 साल से ज्यादा समय से लटका है 20,000 स्कूलों पर ताला

UDISE Plus 2021-22 School Report Card: देशभर में 1 साल के अंदर 20,000 से अधि स्कूल बंद हो गए, जबकि शिक्षकों की संख्या में भी पिछले वर्ष की तुलना में 1.95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन छात्रों के एडमिशन के मामले में प्रगती हुई है। शिक्षा मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट में कई और जानकारी सामने आई है। भारत में स्कूली शिक्षा के लिये एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस की 2021-22 की रिपोर्टमें इस बात का भी उल्लेख किया गया कि सिर्फ 44.85 प्रतिशत विद्यालयों में कंप्यूटर सुविधा है जबकि करीब 34 प्रतिशत में इंटरनेट कनेक्शन है।

आपको बता दें कि बृस्पतिवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-22 में स्कूलों की कुल संख्या 14.89 लाख है जबकि 2020-21 में इनकी संख्या 15.09 लाख थी। स्कूलों की संंख्या में गिरावट मुख्य रूप से निजी और अन्य प्रबंधन के तहत आने वाले विद्यालय के बंदहोने के कारण है। “इसमें कहा गया कि सिर्फ 27 प्रतिशत विद्यालयों में ही विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिये शौचालय है और उनमें से 49 प्रतिशत में रैंप और उसपर चढ़ने के लिये सहारा देने की सुविधा बनाई गई है।

नामांकन पर कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव का विवरण देते हुए, रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड का प्रभाव हालांकी सभी पर पड़ा है, यह विशेष रुप से पूर्व- प्राथमिक कक्षाओं जैसे छोटे और संवेदनशील बच्चों के नामांकन में देखा गया है। इस गिरावट की वजह कोविड-19 के कारण दाखिलों को स्थागित रखा जाना हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि 2021-2022 में प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक स्कूलों में कुल 25.57 करोड़ छात्रों का नामांकन हुआ जबकि वर्ष 2020-21 में 25.38 करोड़ छात्रों ने नामांकन कराया था। इसमें कहा गया कि इस तरह नामांकन कराने वाले छात्रों की संख्या में 19.36 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई।रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 की तुलना में 2021-22 में शिक्षकों की कुल संख्या में भी 1.95 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसमें कहा गया है कि 2021-22 में शिक्षकों की कुल संख्या 95.07 लाख थी, जो 2020-21 में 97.87 लाख थी।

केंद्र मंत्रालय की ओर से जारी ये रिपोर्ट अब चिंता का विषय बन गई है। इन आँकड़ों को देखा जाए तो स्कूली शिक्षा के स्तर पर अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है जिससे की हमारे देश का Education System और भी अच्छा हों। केंद्र और राज्य सरकारों को इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि स्कूली शिक्षा बेहतर होंं और विकास भारत की बुनियाद में मजबूंत हो।

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