New Education Policy के तहत इतिहास में क्या हुआ बदलाव किताबों में अब किसका ज़िक्र नहीं, किसको मिली ख़ास जगह

नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 7 की किताबों से मुगलों और सल्तनत का जिक्र हटाकर भारतीय परंपराओं को प्राथमिकता दी गई है। इस पर देशभर में तारीफ और आलोचना दोनों हो रही है

changes in NCERT books under NEP 2023

Mughals removed from NCERT book : (NCFSE) 2023 के अनुसार, कक्षा 7 की नई NCERT किताबों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब इन किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से जुड़ी सारी बातें हटा दी गई हैं। उनकी जगह भारतीय परंपराएं, धार्मिक स्थल और सरकार की नई योजनाएं जोड़ी गई हैं। इस फैसले पर देशभर में बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ाने वाला कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे इतिहास का “भगवाकरण” कहकर आलोचना कर रहे हैं।

मुगलों और सल्तनत के अध्याय हटे

नई सामाजिक विज्ञान की किताब “समाज की खोज: भारत और उससे परे” में अब मुगलों, मामलूक, खिलजी, तुगलक और लोदी वंश का कोई जिक्र नहीं है। पहले इन वंशों के शासन पर कई अध्याय थे, लेकिन अब इन्हें पूरी तरह से हटा दिया गया है। अब छात्र मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों के बारे में पढ़ेंगे। नई किताबें भारतीय संस्कृति, लोकाचार और परंपराओं पर ज्यादा ध्यान देती हैं।

“भूमि कैसे पवित्र बनती है” नाम से नया अध्याय

नई किताब में “भूमि कैसे पवित्र बनती है” नामक अध्याय जोड़ा गया है। इसमें भारत और दुनिया के बड़े पवित्र स्थलों का जिक्र है। जैसे 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा, शक्तिपीठ और कई नदी संगमों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस अध्याय में हिंदू धर्म के अलावा इस्लाम, ईसाई, यहूदी, पारसी, बौद्ध और सिख धर्म के धार्मिक स्थलों का भी जिक्र है। पंडित नेहरू का एक मशहूर उद्धरण भी इसमें शामिल किया गया है जिसमें उन्होंने भारत को “तीर्थों की भूमि” बताया था।

महाकुंभ का उल्लेख, लेकिन विवाद नहीं

नई किताब में प्रयागराज के महाकुंभ मेले का भव्य जिक्र किया गया है, जिसमें करोड़ों लोगों की भागीदारी दिखाई गई है। हालांकि, मेला के दौरान भगदड़ और उसमें हुई मौतों का कोई उल्लेख नहीं है। इसको लेकर कुछ जानकारों ने सवाल उठाए हैं कि क्या बच्चों को केवल अच्छी बातें ही बतानी चाहिए या सच का पूरा चित्र भी दिखाना चाहिए?

सरकार की योजनाएं भी किताबों में

नई किताबों में ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल सुरंग’ जैसी सरकारी पहलों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा संविधान पर आधारित अध्याय में बताया गया है कि कैसे एक नागरिक की पहल पर तिरंगा फहराने का अधिकार मिला। यह बच्चों में देशभक्ति और संविधान के प्रति गर्व का भाव जगाने के लिए जोड़ा गया है।

अंग्रेजी किताबों में भी बदलाव

सिर्फ हिंदी नहीं, अंग्रेजी किताबों में भी बदलाव किया गया है। नई किताब “पूर्वी” में अब भारतीय लेखकों की रचनाएं ज्यादा हैं, जैसे रवींद्रनाथ टैगोर, एपीजे अब्दुल कलाम और रस्किन बॉन्ड। पहले की “हनीकॉम्ब” किताब में भारतीय लेखकों की रचनाएं कम थीं।

राजनीतिक घमासान और विशेषज्ञों की राय

इन बदलावों पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से को हटाया जा रहा है। वहीं NCERT निदेशक का कहना है कि बच्चों को नकारात्मकता से बचाना चाहिए और शिक्षा का मकसद सकारात्मक सोच वाला नागरिक बनाना है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि बदलाव जरूरी हैं लेकिन संतुलन और निष्पक्षता बनी रहनी चाहिए।

NCERT की नई किताबों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं को अहमियत दी गई है। यह बदलाव शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा तय कर सकते हैं, लेकिन इतिहास के कुछ हिस्से हटाने पर बहस बनी रहेगी। समय बताएगा कि यह कदम बच्चों के विकास के लिए कितना फायदेमंद रहेगा।

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