Physicswala Drishti IAS deal: आईएएस की दृष्टि पर नज़र, अलख पांडे का मास्टरस्ट्रोक, विकास सर से हाथ मिलाने को तैयार

एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला 2,500-3,000 करोड़ रुपये में दृष्टि आईएएस का अधिग्रहण करने की अंतिम प्रक्रिया में है। यह सौदा भारतीय एडटेक सेक्टर का सबसे बड़ा अधिग्रहण हो सकता है और कंपनी के ऑफलाइन विस्तार की रणनीति को मजबूत करेगा।

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Physicswala Drishti IAS deal: एडटेक यूनिकॉर्न Physicswala ऑफलाइन कोचिंग संस्थान दृष्टि आईएएस के अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया में है। सूत्रों के अनुसार, फिजिक्सवाला इस सौदे के लिए 2,500-3,000 करोड़ रुपये खर्च कर सकता है। दोनों कंपनियों के बीच जनवरी 2025 से बातचीत जारी है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। यह डील भारतीय एडटेक स्पेस का सबसे बड़ा अधिग्रहण बन सकती है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब फिजिक्सवाला अपने आईपीओ की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में तीन स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति की और सार्वजनिक लिस्टिंग के जरिए 5 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर 500 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। दृष्टि आईएएस के सीईओ विवेक तिवारी ने इन अटकलों को “अफवाह” बताया है, लेकिन सौदे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

बढ़ते ऑफलाइन विस्तार की रणनीति

Physicswala, जो अब तक एक ऑनलाइन एडटेक प्लेटफॉर्म के रूप में संचालित होता था, अब ऑफलाइन कोचिंग क्षेत्र में मजबूती से उतरने की योजना बना रहा है। दृष्टि आईएएस, 26 साल पुराना एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जो मुख्य रूप से यूपीएससी और राज्य सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए ऑफलाइन कोचिंग प्रदान करता है। वित्त वर्ष 2024 में, दृष्टि आईएएस ने 405 करोड़ रुपये का राजस्व और 90 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।

मुखर्जी नगर स्थित दृष्टि आईएएस का सबसे बड़ा केंद्र संस्थान की कुल आय का 58% योगदान देता है, इसके बाद प्रयागराज, जयपुर और करोल बाग आते हैं। अगर यह सौदा पूरा होता है, तो यह फिजिक्सवाला के हाइब्रिड कोचिंग मॉडल को मजबूत करेगा, जिससे कंपनी का ऑफलाइन राजस्व तेजी से बढ़ सकता है।

आईपीओ और निवेश रणनीति

सूत्रों के अनुसार, इस डील के लिए भुगतान किस्तों में किया जाएगा और यह भविष्य के प्रदर्शन मील के पत्थरों से जुड़ा होगा। फिजिक्सवाला की इस डील में रुचि इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि कंपनी ऑफलाइन सेगमेंट में 1,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य लेकर चल रही है

वित्त वर्ष 2024 में फिजिक्सवाला का राजस्व 1,940.4 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 744.3 करोड़ रुपये था। हालांकि, बढ़ते खर्च के कारण कंपनी का घाटा 13 गुना बढ़कर 1,131 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 84 करोड़ रुपये था।

सीईओ की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं

इस पूरे मामले पर दृष्टि आईएएस के सीईओ विवेक तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“हम विभिन्न संगठनों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यह सिर्फ एक अफवाह है, जिसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।”

वहीं, Physicswala की ओर से इस विषय पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। अगर यह अधिग्रहण सफल होता है, तो यह भारतीय एडटेक सेक्टर में सबसे बड़ी डील साबित हो सकती है, जिससे कोचिंग इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

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