Mamta Kulkarni spiritual journey 90 के दशक में अपनी बोल्ड अदाओं और दमदार एक्टिंग से करोड़ों दिलों पर राज करने वाली ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं। लेकिन इस बार वजह कोई फिल्म नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दुनिया में उनका नया कदम है। ममता अब फिल्मी चकाचौंध से दूर एक नई ज़िंदगी शुरू कर चुकी हैं।
महाकुंभ 2025 में लिया सन्यास
ममता कुलकर्णी हाल ही में उज्जैन में चल रहे महाकुंभ 2025 में पहुंचीं, जहां उन्होंने किन्नर अखाड़े के साथ सन्यास की दीक्षा ली। अब वो ‘ममता नंद गिरी’ के नाम से जानी जाएंगी और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई है। इस दौरान वह पूरी तरह से साध्वी के रूप में नजर आईं साधारण वस्त्र, माथे पर तिलक और शांत चेहरा, जिसे देखकर बहुत से लोग उन्हें पहचान भी नहीं पाए।
बॉलीवुड से गायब होने वाली एक्ट्रेस
ममता का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1992 में फिल्म ‘तिरंगा’ से बॉलीवुड में एंट्री ली और फिर ‘आशिक आवारा’, ‘वक्त हमारा है’, ‘क्रांतिवीर’, ‘करन अर्जुन’, ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ और ‘बाजी’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने तमिल, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया। लेकिन फिल्म ‘कभी हम कभी तुम’ के बाद अचानक वो फिल्मी पर्दे से गायब हो गईं और लंबे समय तक उनका कोई अता-पता नहीं चला।
ड्रग्स केस में भी आया था नाम
ममता कुलकर्णी का नाम एक इंटरनैशनल ड्रग्स रैकेट से भी जुड़ा था। 2016 में सोलापुर की एक फार्मा कंपनी में पुलिस ने छापा मारा था, जहां से 2000 करोड़ रुपये की इफेड्रिन नाम की पार्टी ड्रग बरामद हुई थी। इस केस में ममता और उनके पति माने जाने वाले विक्की गोस्वामी का नाम सामने आया था। उनके खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था, जिसके बाद ममता लंबे समय तक भारत से बाहर रहीं।
क्या है ममता की आगे की योजना?
महाकुंभ में ममता कुलकर्णी की मौजूदगी के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कुछ लोग मानते हैं कि उन्होंने सच में आध्यात्मिक राह पकड़ ली है, जबकि कुछ का कहना है कि शायद ये उनके बॉलीवुड में दोबारा लौटने की तैयारी है। हालांकि ममता की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
लोगों की निगाहें फिर ममता पर
ममता कुलकर्णी की यह नई छवि सबको चौंका रही है। महाकुंभ में जैसे ही वो नजर आईं, उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। लंबे समय बाद लोगों के सामने आई ममता अब एकदम बदली हुई जिंदगी जी रही हैं।शांत, सरल और धार्मिक।