Bigg Boss 19 : आजकल टीवी और ओटीटी पर रियलिटी शोज़ का ज़ोरदार बोलबाला है। कहीं ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से ज्ञान की बारिश हो रही है, तो कहीं ‘सुपर डांसर’ में टैलेंट की बेमिसाल झलक दिख रही है। लेकिन जब बात हो ड्रामा, राजनीति और मनोरंजन के मिक्सचर की, तो दो नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में हैं — एक तरफ ‘बिग बॉस’, जो पिछले करीब दो दशकों से दर्शकों के दिलों पर राज कर रहा है, और दूसरी ओर हाल ही में लॉन्च हुआ ‘राइज एंड फॉल’, जो ओटीटी की दुनिया में धमाकेदार एंट्री कर चुका है।
जब बिग बॉस में आए मेहमान
‘बिग बॉस’ में गेस्ट के तौर पर नज़र आ चुके अशनीर ग्रोवर अब खुद एक रियलिटी शो के होस्ट बन गए हैं। उन्होंने एमएक्स प्लेयर और अमेज़न मिनी टीवी पर ‘राइज एंड फॉल’ नामक शो की कमान संभाली है। इस शो की शुरुआती झलक देखकर कुछ दर्शकों को ‘बिग बॉस’ के शुरुआती सीज़न याद आने लगे हैं, जब शो ज्यादा कच्चा, रियल और बेबाक था। दिलचस्प बात ये है कि दोनों शोज़ एक ही प्रोडक्शन हाउस से जुड़े हैं, इसलिए तुलना होना लाज़मी है।
जहां ‘बिग बॉस’ ने इस बार भी कुछ बड़े नामों को घर में बुलाया है — जैसे गौरव खन्ना, अमाल मलिक और अशनूर कौर — वहीं ‘राइज एंड फॉल’ ने पहले ही एपिसोड में सरप्राइज़ दे दिया। अर्जुन बिजलानी, पवन सिंह और धनश्री वर्मा जैसे चर्चित नाम इस शो का हिस्सा हैं। खासकर अर्जुन बिजलानी, जिन्हें ‘बिग बॉस’ लंबे समय से लाने की कोशिश कर रहा था, उन्होंने इस बार बिग बॉस को ना कहकर अशनीर के शो को हां कह दी — जो अपने आप में एक बड़ा बयान है।
सेटअप में भी है बड़ा फर्क
‘राइज एंड फॉल’ का फॉर्मेट दिखाता है कि यह केवल शो नहीं, बल्कि समाज का आईना है। यहां कंटेस्टेंट्स को दो वर्गों में बांटा गया है — रूलर्स, जो शानदार पेंटहाउस में ऐशोआराम से रहते हैं; और वर्कर्स, जो बेसमेंट में मुश्किल हालातों से जूझते हैं। यह सत्ता, वर्गभेद और अवसरों की असमानता को सीधे-सीधे पेश करता है। वहीं ‘बिग बॉस’ में अब तक इस तरह का स्थायी विभाजन देखने को नहीं मिला। हालांकि थीम्स जैसे ‘जंगल’, ‘घर के दो हिस्से’ वगैरह आते रहे हैं, लेकिन वे इतने गहरे सामाजिक संदेश नहीं देते जितना ‘राइज एंड फॉल’ देने की कोशिश कर रहा है।
सलमान खान से अशनीर की टक्कर
‘बिग बॉस’ का नाम लेते ही सबसे पहले सलमान खान का चेहरा ज़हन में आता है। उनकी मौजूदगी ही शो को अलग मुकाम पर रखती है। उनका मज़ाकिया, लेकिन कभी-कभी सख्त अंदाज़ दर्शकों को बांध कर रखता है। सलमान का “वीकेंड का वार” अब एक कल्ट बन चुका है।
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दूसरी ओर, अशनीर ग्रोवर एकदम अलग स्टाइल के होस्ट हैं। वे न कोई ड्रामा करते हैं, न कोई चुटकुले सुनाते हैं — बल्कि वे कंटेस्टेंट्स को सीधे-सीधे उनकी सोच, चाल और ग़लतियों पर टोकते हैं। उनका स्टाइल ज्यादा कॉर्पोरेट और स्ट्रैटेजिक है। हालांकि उनका होस्टिंग अंदाज़ नया है, लेकिन अभी सलमान से उनकी तुलना करना जल्दबाज़ी होगी।
‘राइज एंड फॉल’ है नया बिग बॉस?
जहां ‘बिग बॉस’ इमोशन्स, गॉसिप, ग्रुपबाज़ी और झगड़ों का मैदान है, वहीं ‘राइज एंड फॉल’ ज्यादा दिमागी खेल है। ये शो दिखाता है कि कैसे सत्ता, हक और हैसियत के लिए इंसान किस हद तक जा सकता है। यह शतरंज की बिसात जैसा है, जहां चालें ही आपको ऊपर या नीचे ले जाती हैं।
अगर आप उन दर्शकों में से हैं जिन्हें पुराने बिग बॉस का गेमफोकस्ड फॉर्मेट पसंद था — तो ‘राइज एंड फॉल’ एक फ्रेश और स्मार्ट ऑप्शन हो सकता है। हालांकि, अगर आप सलमान खान के तड़के और इमोशनल हाईजैक के फैन हैं, तो ‘बिग बॉस’ ही आपकी पसंद बना रहेगा।