नई दिल्ली: अपनी आवाज से लोगों को ईश्वर की आराधना में ले जाने वाली गायिका अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) को कौन नहीं जानता! 90 के दशक में अपनी जादुई आवाज से छा जाने वाली इस सिंगर ने उस समय काफी ख्याति (Fame) बटोरी थी।
उनकी आवाज में ऐसा जादू था जिसे सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाया करता था। 27 अक्टूबर 1954 को जन्मी अनुराधा पौडवाल को बचपन से ही संगीत में खास रुचि थी। अनुराधा ने सिंगिंग करियर की शुरुआत साल 1973 में आई अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म अभिमान (Abhimaan) से की थी, पर उन्हें पहला बड़ा ब्रेक साल 1976 में सुभाष घई (Subhash Ghai) की फिल्म कालीचरण (Kalicharan) से मिला।

इस फिल्म का उनका गाया गीत “एक बेटा”काफी हिट हुआ था। इसके बाद अनुराधा ने अपनी सुरीली आवाज से हर किसी का ध्यान खींचा। इसके बाद तो अनुराधा को एक के बाद एक कई फिल्मों में गायकी के ऑफर मिलने लगे।

उनके गाये गीतों में नज़र के सामने (आशिकी), दिल है कि मानता नहीं( दिल है कि मानता नहीं), धक- धक करने लगा( बेटा), तू मेरा हीरो है (हीरो), कह दो कि तुम हो मेरे(तेजाब), तेरा नाम लिया( राम लखन), बहुत प्यार करते है (साजन) आदि शामिल हैं, जो आज भी काफी मशहूर हैं। 90 के दशक में अनुराधा पौडवाल बॉलीवुड में अपने करियर की ऊंचाइयों पर थीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने भगवान के गीत गाने शुरू किए जो उनके करियर को और ऊंचाइयों तक लेते चले गए।

अनुराधा पौडवाल की निजी जिंदगी की बात करें तो उनका निजी जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। अनुराधा पौडवाल ने अरुण पौडवाल (Arun Paudwal) से शादी की जो खुद भी संगीतकार थे। इस शादी से अनुराधा के दो बच्चे बेटा आदित्य और बेटी कविता हुई। अनुराधा एक खुशहाल जीवन गुजार रही थीं। अचानक एक दिन एक दुर्घटना में उनके पति अरुण पौडवाल की मृत्यु हो गई। इससे वह बुरी तरह से टूट गईं। इसके बाद अनुराधा ने अपने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की लेकिन साल 2020 में उनके बेटे आदित्य का किडनी की बीमारी के कारण निधन हो गया। अनुराधा पौडवाल ने हिंदी के साथ-साथ तेलुगु, कन्नड़ और बंगाली भाषा में भी गाने गाए हैं लेकिन अब ये गायिका गायन के क्षेत्र में ज्यादा एक्टिव नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, साल 2017 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया था।