इज्जतें शोहरतें उल्फतें चाहतें, सब कुछ इस दुनिया में रहता नहीं।
इज्जतें शोहरतें उल्फतें चाहतें, सब कुछ इस दुनिया में रहता नहीं।
आज मैं हूं जहां कल कोई और था, ये भी एक दौर है वो भी एक दौर था।
नई दिल्ली: आज आपको बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके लिए लोगों में एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता था। लड़कियां जिनकी सफेद गाडी को चूम-चूम कर अपनी लिपस्टिक से लाल और गुलाबी कर दिया करती थी, जिनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब रहते थे।
ये शाम मस्तानी, मेरे सपनों की रानी और जिंदगी कैसी है पहेली जैसे दमदार और यादगार गानों में अपने अभिनय से जान फूंकने वाले अभिनेता राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) बॉलीवुड के एक नायाब हीरे थे। चाहे कैसा भी और कोई भी रोल क्यों न हो राजेश खन्ना अपने अभिनय से उसमें जान फूंक देते थे। उनकी इसी खासियत ने उन्हें Bollywood का पहला सुपरस्टार बना दिया था।
29 दिसम्बर साल 1942 को पंजाब के अमृतसर में जन्में राजेश खन्ना का जीवन इतना सरल नहीं था। देश के बटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आकर जीवन शुरू करना उनके माता-पिता के लिए इतना आसान नहीं था। पाकिस्तान से अमृतसर में जाकर बसे राजेश खन्ना की परवरिश उनके रिश्तेदार लीलावती चुन्नीलाल खन्ना (Leelavati Chunilal Khanna) के यहां हुई।
राजेश खन्ना को गोद लेने के बाद उनके बचपन और वास्तविक नाम जतिन (Jatin) को बदलकर राजेश खन्ना कर दिया गया था। मुंबई के सेण्ट सेबेस्टियन हाई स्कूल से पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात रवि कपूर से हुई थी जिन्हें आज अभिनेता जितेंद्र (Jitendra) के नाम से जाना जाता है।
खन्ना साहब को पढ़ाई के अलावा अभिनय करने का भी शोक था, जिसके लिए उन्होंने थियेटर भी ज्वॉइन किया। इसी के साथ फिल्मों में रोल पाने के लिए वह रोज सुबह स्टूडियो के चक्कर लगाया करते थे। आखिरकार कड़ी मेहनत और लगन के चलते उन्हें साल 1966 में पहली बार किसी फिल्म में बतौर एक्टर काम करने का मौका मिला। ये फिल्म थी आखिरी खत (Aakhri Khat) इस फिल्म को साइन करने के वक्त राजेश खन्ना की उम्र महज 23 साल थी। इसके बाद उनका फिल्मों में काम करने का सफर शुरू हो गया था।
27 सितंबर साल 1969 को रिलीज हुई फिल्म आराधना (Aradhana) राजेश खन्ना के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। इस फिल्म की कामयाबी के बाद राजेश खन्ना ने लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दी थी। इसी के चलते वे Bollywood के पहले सुपरस्टार बन गए थे।
आराधना, इत्तफाक, दो रास्ते, बंधन, डोली, सफ़र, खामोशी, कटी पतंग, आन मिलो सजना, ट्रैन, आनन्द, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेंहदी और हाथी मेरे साथी उनकी ऐसी फिल्में थी, जिन्हें उस समय लोग बार-बार देखना पसंद करते थे।
फैशन डिजाइनर और अभिनेत्री अंजू महेंद्रू (Anju Mahendru) के साथ राजेश खन्ना का लव अफेयर काफी चर्चा में रहा था। इसके बाद उनकी लाइफ में एक्ट्रेस डिम्पल कपाड़िया (Dimple Kapadia) की एंट्री हुई थी। डिम्पल और राजेश एक दूसरे को चाहने लगे थे, जिसके चलते साल 1973 में दोनों ने शादी कर ली थी लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही उनके रिश्ते में दरार आने लगी थी, जिसे देखते हुए दोनों ने साल 1984 में अलग होने का फैसला कर लिया था।
डिम्पल से अलग होने के बाद राजेश खन्ना एक्ट्रेस टीना मुनिम (Tina Munim) के काफी करीब आने लगे थे, उनका अफेयर टीना मुनिम के विदेश चले जाने के बाद भी चलता रहा लेकिन जल्द ही इस रिश्ते ने भी टूटना मुनासिब समझा और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।
टूटे दिल के साथ राजेश खन्ना शराब के अंधेर कुए में जाने लगे थे उनकी ये हालत देख पत्नी डिम्पल कपाड़िया पर रहा नहीं गया और दोनों दोबारा साल 1992 में साथ रहने लगे।
राजेश खन्ना ने एक ऐसा स्टारडम देखा और जिया था, जो कम ही अभिनेताओं को मिल पाता है। लेकिन अंतिम दिन उनके कुछ अच्छे नहीं गुजरे थे। बदलते वक्त और उम्र होने के साथ राजेश खन्ना पुराने दौर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। वो अपने स्टारडम के दिनों को याद करते हुए उन्हीं में खोए रहते थे। ज्यादा शराब पीने के चलते उनकी हालत पहले से कही ज्यादा खराब रहने लगी थी। बिगड़े स्वास्थ्य के चलते उन्हें कई बार मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन कुछ दिनों तक ठीक रहने के बाद उनकी हालत में कुछ ज्यादा सुधार नहीं हो पा रहा था।
आखिरकार 18 जुलाई साल 2012 में बॉलीवुड के इस पहले सुपरस्टार (Rajesh Khanna) ने इस दुनिया से रुखसती ली और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आज राजेश खन्ना भले ही इस दुनिया में न हो लेकिन उनकी कुछ यादगार फिल्में और डायलॉग आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। आनंद मरा नहीं आनंद मरते नहीं।