नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा का एक ऐसा सितारा जो अपने अलग अंदाज और अपनी कमाल की एक्टिंग के चलते न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व के कई देशों में फेमस हुआ। जिस अभिनेता का जिक्र होते ही या उनका चेहरा सामने आते ही कई रोमांटिक नगमों का एक खूबसूरत सा एहसास होने लगता है। अभिनय के क्षेत्र के अलवा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसी शख्सियत के सामने लाखों लोगों की बात को लेकर खड़ा हो जाने वाला स्टार कोई और नहीं द ग्रेट देव साहब यानि देव आनंद (Dev Anand) थे।

वास्तव में रील हीरो और रियल हीरो के बीच क्या अंतर होता है, उस समय ये बात देव साहब ने बखूबी समझाई। आज के हमारे युवाओं को पसंद आने वाले अभिनेताओं में कई ऐसे स्टार हैं, जो गुडलुकिंग होने के साथ-साथ अपनी बॉड़ी को अट्रैक्टिव बनाकर लोगों के बीच फेमस है, भले ही अभिनय के मामले में उनका हाथ थोड़ा तंग क्यों न हो लेकिन अपने बैक अप लिंक और अट्रैक्टिव पर्सनैलिटी के चलते वो कई फिल्मों में अभिनय करते नज़र आते हैं। खैर इस बारे में फिर कभी बात करेंगे।

26 सितंबर 1923 को पंजाब के शकरगढ़ (अब पाकिस्तान) में जन्मे देव आनंद जब मुंबई आए थे, तो उनकी जेब में महज 30 रुपये थे, अपनी काबिलियत और मेहनत के दम पर इस अभिनेता ने इन 30 रुपयों को लाखों में बदल दिया।
उनका पूरा नाम धर्मदेव आनंद (Dharmadev Anand) था लेकिन स्कूल में उन्हें उनके साथी डीडी कहकर बुलाया करते थे। अभिनय जगत में आने से पहले और B.A की डिग्री लेने के बाद देव साहब ने इंडियन नेवी में भर्ती होने का प्रयास किया था, लेकिन इसमें विफल होने के बाद उनके पिता पिशोरी लाल आनंद (Pishori Lal Anand) ने उन्हें अपने ही ऑफिस में क्लर्क के काम पर रख लिया।

लेकिन वो कहते हैं ना, जो किस्मत में होता है वो आपको जरूर मिलता है देव आनंद के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 22 साल की उम्र में देव साहब मुंबई आ गए। इसके बाद यहां से इस सितारे का चमकने का सफर शुरू हुआ।

काले कपड़ों पर रोक

ये बात कम ही लोग जानते हैं कि देव आनंद की हिट फिल्म काला पानी (Kala Pani) में उन्हें काले रंग का कोट पहनने से रोक दिया गया था। इसकी वजह थी काले लिबास में उनका बहुत ज्यादा हैंडसम लगना। कहा ये भी जाता है कि काले लिबास में उन्हें देखकर लडकियां छत से भी कूद जाया करती थीं, जिसकी वजह से सरकार ने उनके काले कपड़े पहनने पर रोक लगा दी थी।
सुरैया (Suraiya ) से प्यार

फिल्मी करियर शुरू करने के 2 साल बाद ही फिल्म विघा (Vidya) की शूटिंग के दौरान देव आनंद को अभिनेत्री सुरैया से प्यार हो गया था। इस फिल्म के गीत “किनारे-किनारे चले जाएंगे” में दोनों नाव पर सवार रहते हैं और नाव डूब जाती है। फिल्म की कहानी के मुताबिक देव आनंद सुरैया को बचाते हैं। इसी गाने के बाद देव साहब सुरैया को अपना दिल दे बैठे थे, जिसके बाद उन्होंने सुरैया से शादी करने का फैसला कर लिया था।

बताया ये भी जाता है कि देव आनंद ने उस वक्त फिल्म के सेट पर सुरैया को 3 हजार रुपये की एक अंगूठी देकर प्रपोज भी किया था लेकिन सुरैया की नानी इस शादी के खिलाफ थी, जिसके बाद हालात ऐसे बने जिसने दोनों को फिर कभी एक नहीं होने दिया।
देव आनंद से शादी न होने के बाद सुरैया ने फिर कभी किसी के साथ रिश्ता नहीं जोड़ा और वह ताउम्र कुंवारी रही। देव आनंद ने सुरैया के साथ फिल्म Vidya (1948) में कमाए पैसों से अपनी गाड़ी हिलमैन मिंक्स (Hillman Minx) खरीदी थी।

इसके बाद देव आनंद की जिंदगी में कल्पना कार्तिक (Kalpana Kartik) की एंट्री हुई। गुरू दत्त की पहली फिल्म बाजी (Baazi) में देव आनंद और कल्पना कार्तिक की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। इसके बाद दोनों कई सफल फिल्मों में साथ नज़र आए, जिसमें टैक्सी ड्राइवर, नौ दो ग्यारह और आंधियां जैसी फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों को करने के बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी, जिसके बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

दोस्तों देव साहब के बारे में बताने को और भी कुछ काफी है, जिसके बारे में हम आपको इसके अगले अध्याय में बताएंगे।