Dilip Kumar The King of Cinema Who Rose from Struggles to Stardom: हिंदी सिनेमा के सबसे चमकते सितारों में गिने जाने वाले दिलीप कुमार का 7 जुलाई 2021 को निधन हो गया था। वो न सिर्फ एक बेहतरीन कलाकार थे, बल्कि एक सच्चे संघर्षकर्ता भी। बहुत कम लोग जानते हैं कि जिन दिलीप कुमार को दुनिया ने करोड़ों की संपत्ति के मालिक के रूप में जाना, उन्होंने कभी फलों का ठेला लगाकर और कैंटीन में सैंडविच बेचकर अपना जीवन चलाया था।
जब ठेले पर फल बेचे
दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान था। बचपन में उनका जीवन आसान नहीं था। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें पुणे की आर्मी कैंटीन के पास ठेले पर फल बेचना पड़ा। वह सिर्फ 14 साल के थे, लेकिन परिवार की मदद के लिए कोई भी काम करने से पीछे नहीं हटे। साथ ही उन्होंने अंग्रेजों की कैंटीन में सैंडविच बेचने का भी काम किया।
पत्नी सायरा बानो को मिली करोड़ों की संपत्ति
दिलीप साहब ने अपने पीछे करोड़ों की संपत्ति छोड़ी है। रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी सारी संपत्ति अब उनकी पत्नी सायरा बानो को मिली है। उनके पास लगभग 627 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति थी। इसमें मुंबई के पाली हिल इलाके का बंगला और पाकिस्तान में उनका पुश्तैनी घर भी शामिल था। पाली हिल वाला बंगला हाल ही में 172 करोड़ में बेचा गया।
उनका फिल्मी सफर
दिलीप कुमार ने 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘अंदाज’, ‘देवदास’, ‘मुगल-ए-आज़म’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं, जो आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा हैं। 1998 में ‘किला’ उनकी आखिरी फिल्म थी। उनके एक्टिंग करियर ने 5 दशकों तक सिनेमा पर राज किया।
सम्मान और अवॉर्ड्स
उनकी शानदार अदाकारी के लिए उन्हें कई बड़े सम्मान मिले। उन्हें पद्मभूषण, पद्मविभूषण, और 9 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। उन्होंने एक साल में सबसे ज्यादा हिट फिल्में देने का भी रिकॉर्ड बनाया।
एक प्रेरणादायक कहानी
दिलीप कुमार की ज़िंदगी इस बात का सबूत है कि हालात चाहे जैसे भी हों, मेहनत और लगन से हर मंजिल हासिल की जा सकती है। एक साधारण लड़का कैसे सुपरस्टार बना, ये कहानी हर किसी को प्रेरणा देती है।