Birthday Special: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का जन्म 19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के बुढ़ाना गाँव में हुआ था। वे आठ भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके पिता एक किसान थे, और परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बी.एस.एस. इंटर कॉलेज, बुढ़ाना से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने हरिद्वार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
स्नातक के बाद, उन्होंने वडोदरा की एक पेट्रोकेमिकल कंपनी में केमिस्ट के रूप में कार्य किया, लेकिन यह काम उन्हें संतोषजनक नहीं लगा। अभिनय के प्रति रुचि ने उन्हें दिल्ली खींच लाया, जहाँ उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में प्रवेश लिया और 1999 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
करियर की शुरुआत और संघर्ष
NSD से स्नातक होने के बाद, नवाज़ुद्दीन मुंबई आए और फिल्मों में छोटे-छोटे रोल करने लगे। उन्होंने ‘सरफरोश’ (1999), ‘शूल’ (1999), और ‘मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.’ (2003) जैसी फिल्मों में छोटे किरदार निभाए। हालांकि, उन्हें पहचान 2004 में अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ से मिली। इसके बाद, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ (2012) में फैज़ल खान की भूमिका ने उन्हें बॉलीवुड में एक मजबूत अभिनेता के रूप में स्थापित किया।
पुरस्कार और सम्मान
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। उन्हें ‘कहानी’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘देख इंडियन सर्कस’, और ‘तलाश’ जैसी फिल्मों के लिए 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में विशेष जूरी पुरस्कार मिला। इसके अलावा, ‘द लंचबॉक्स’ (2013) के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार भी मिला।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने डायलॉग डिलीवरी से बड़ा फैन बेस तैयार किया है। उनके बेहतरीन संवाद जिस पर थिएटर में जमकर तालियां पिटी थी।
वेब सीरीज और अंतर्राष्ट्रीय पहचान
नवाज़ुद्दीन ने नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ (2018–2019) में गणेश गायतोंडे की भूमिका निभाई, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराही गई। इसके अलावा, उन्होंने ब्रिटिश सीरीज ‘McMafia’ (2018) में भी काम किया। इन भूमिकाओं ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई।
व्यक्तिगत जीवन
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने अंजना किशोर पांडे से विवाह किया था, लेकिन बाद में उनका तलाक हो गया। उनके दो बच्चे हैं। वह अपने परिवार के साथ मुंबई के वर्सोवा इलाके में रहते हैं।
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों और संघर्षों के बावजूद, यदि आत्मविश्वास और मेहनत हो, तो सफलता अवश्य मिलती है। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।