Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
Bollywood के अनकहे किस्से, जब राजकुमार जेल गए ...

Bollywood के अनकहे किस्से, जब राजकुमार जेल गए …

अभिनेता राजकुमार के जेल जाने के बारे में बहुत-सी कहानियां कही-सुनी जाती रही हैं। कहा जाता है कि जब वे पुलिस विभाग में नौकरी करते थे, तो एक अपराधी को उन्होंने इतना पीटा कि वह मर गया और उन्हें जेल जाना पड़ा।

कोई कहता है कि उनकी प्रेमिका की शादी किसी और से हो गई। प्रेमिका का पति उसे बहुत मारा करता था। गुस्सैल राजकुमार ने उसकी ऐसी खबर ली कि वह मर गया और राजकुमार को जेल जाना पड़ा, परंतु असली बात कुछ और ही थी।

बात उस समय कि है जब फिल्म मदर इंडिया पूरे देश में सफलता का परचम लहरा रही थी और इसकी सफलता से सबसे अधिक लाभ राजेंद्र कुमार और सुनील दत्त उठा रहे थे। श्यामू (नर्गिस यानी राधा के पति) की भूमिका यद्यपि छोटी थी, पर राजकुमार ने दर्शकों के मन पर अपने अभिनय की छाप छोड़ी, लेकिन राजकुमार को इससे अधिक लाभ नहीं हुआ।

उनके व्यक्तिगत जीवन से संबंधित एक घटना उनके लिए दुर्भाग्य लेकर आई। हुआ यूं कि एक रात राजकुमार अपने दो मित्रों और उनमें एक की पत्नी के साथ 9ः30 बजे का शो देखने गए थे। शो समाप्त होने बाद करीब 12 बजे रात वे उन तीनों को छोड़ने के लिए बांद्रा गए। मित्र और उनकी पत्नी को उनके घर के बाहर छोड़कर राजकुमार जीप स्टार्ट करने ही वाले थे कि एक शराबी आकर मित्र की पत्नी के बारे में अपशब्द कहने लगा। राजकुमार इसे सह न सके। उन्होंने उस शराबी को चार झापड़ रसीद कर दिए। उस वक्त तो वह वहां से चला गया, परंतु पांच घंटे बाद अचानक उस शराबी की मृत्यु हो गई। एक औरत की झूठी गवाही से उसकी मृत्यु के लिए राजकुमार को दोषी ठहराया गया।

कानून की धारा के अनुसार मामला कायम करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में जेल भेज दिया गया। जिस समय मदर इंडिया के दूसरे कलाकार सफलता के मजे ले रहे थे, नई फिल्में साइन कर रहे थे, राजकुमार जेल की अंधेरी कोठरी में बैठे अपने भाग्य को कोस रहे थे। निर्देशक चेतन आनंद के अलावा किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की। फिल्म उद्योग से एक भी व्यक्ति उनसे मिलने तक नहीं गया। जब यह बात सिद्ध हो गई कि शराबी राजकुमार के मारने से नहीं मरा, कुछ माह बाद वे बाइज्जत बरी कर दिए गए।

असल में पुलिस राजकुमार और उनके दोस्तों से पैसे चाहती थी। पुलिस ने सोचा कि फिल्मी हस्ती है, पर तब राजकुमार के पास न नाम था, न पैसा। जो मारपीट के समय वहां नहीं थे, उन्हें भी पुलिस ने गवाह बना लिया था। इस घटना के कई माह बाद तक कोई निर्माता-निर्देशक उन्हें साइन करने नहीं पहुंचा। जो फिल्में हाथ में थीं, वे भी हाथ से निकल गईं। बिना किसी कारण के हुई मानहानि, निर्माता और निर्देशकों का उनके प्रति बदला हुआ दृष्टिकोण और जेल के बुरे अनुभवों ने आगे चलकर उनके स्वभाव को विचित्र और सनकी जरूर बना दिया।

चलते-चलते

चेतन आनंद के भाई विजय आनंद उर्फ गोल्डी ने इस संबंध में एक ज्योतिषी से पूछा था कि हमारा एक मित्र जेल में है, वह छूटेगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में ज्योतिषी ने बताया था कि वे तीन मित्र हैं। आपके दोस्त को चाहिए कि उनसे ज्यादा संबंध न रखे। वे दोनों उसे धोखा दे सकते हैं। यह बताकर ज्योतिषी ने एक तारीख बताई कि इस दिन राजकुमार जेल से छूट जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि आपके दोस्त का नाम ‘के’ (राजकुमार का मूल नाम कुलभूषण पंडित था) से शुरू होता है। राजकुमार के दो साथियों में से एक पुलिस का साथ देगा, यह भी उन्होंने बताया। बाद में सब कुछ वैसा ही हुआ, जैसा कि ज्योतिषी ने बताया था। इस ज्योतिषी से गोल्डी का मिलना अपनी किडनी के ऑपरेशन के बाद आराम करने के लिए डेढ़-दो माह के लिए ऊटी ठहरने के दौरान हुआ था।

ऊटी जाने से पहले वे बेंगलुरु में ठहरे थे। वहां ‘नवकेतन’ के एक वितरक रहते थे, जिनके आनंद से पारिवारिक संबंध थे। इसी वितरक के जरिए गोल्डी की मुलाकात बेंगलुरु में रहने वाले इस ज्योतिषी से हुई थी। गोल्डी को आध्यात्म में रुचि थी, उसी तरह ज्योतिष, भविष्य और कुंडली में भी रुचि थी। तभी गोल्डी ने उस ज्योतिषी से मिलने का फैसला किया था।

(लेखक, राष्ट्रीय साहित्य संस्थान के सहायक संपादक हैं। नब्बे के दशक में खोजपूर्ण पत्रकारिता के लिए ख्यातिलब्ध रही प्रतिष्ठित पहली हिंदी वीडियो पत्रिका कालचक्र से संबद्ध रहे हैं। साहित्य, संस्कृति और सिनेमा पर पैनी नजर रखते हैं।)

Exit mobile version