नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा में देव आनंद (Dev Anand) का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आज के दौर के एक्टर और एक्ट्रेस सरकार के खिलाफ जाने की भी नहीं सोच सकते और जब बात देश के प्रधानमंत्री की किसी बात को देशभर में लागू करना हो तो उसके विरोध में कोई फिल्मी सितारा ही शायद आवाज उठाने की सोचेगा, लेकिन देव आनंद एकमात्र ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने उस समय एक ऐसी शख्सियत के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिनका नाम सुनकर शायद ही कोई ऐसी आवाज उठाता।
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) जिन्हें आयरन लेडी (Iron Lady) के नाम से भी जाना जाता था, उनके एक फैसले के सामने देव साहब खड़े हो गए थे।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1975, 25 जून को अचानक आपातकाल यानि Emergency लगाने का निर्णय लिया था। उनके इस फैसले को आज भी लोकतंत्र में काले अध्याय के तौर पर याद किया जाता है। Emergency के दौरान लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
Emergency के चलते जब कई एक्टर्स ने सरकार खिलाफ न जाने वाले रास्ते को चुना था, तो वहीं देव आनंद उस समय इंदिरा गांधी के विरोध में खड़े हो गए थे। देव साहब ने न सिर्फ फिल्मों के माध्यम से समाज को आयाम देने की कोशिश की बल्कि सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद की।
Emergency के समय जब देव आनंद से संजय गांधी और युवा कांग्रेस की तारीफ में ऑल इंडिया रेडियो पर कुछ शब्द कहने के लिए कहा गया था, तो देव आनंद ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया था। इस बारे में उन्होंने कहा था कि इसके लिए उनका जमीर गवाही नहीं देता है। हालांकि उन्हें इस बात के लिए खामियाजा भी भुगतना पड़ा था।
इंकार करने के बाद देव आनंद की फिल्मों को टेलीविजन पर चलाने से रोक दिया गया था। इतना ही नहीं ऑल इंडिया रेडियो पर भी उनके गाने चलाने और उनका नाम लेने पर पाबंदी लगा दी गई थी। इन सभी बातों से आहत होकर देव साहब ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर इंदिरा गांधी के खिलाफ रैलियां निकाली थी।
जेल भेजकर दिखाएं
इन रैलियों में देव आनंद ने इंदिरा गांधी को चुनौती भी दी थी कि वो उन्हें जेल भेजकर दिखाएं। उन्होंने अपने करियर को खतरे में डालकर वो करने की जिद की थी, जिसमें वह यकीन करते थे। यह हौसले का एक ऐसा कदम था, जिसने एक आज्ञा की अवेहलना की जिद की थी।
साल 1977 में जब आम चुनावों की घोषणा हुई तब देव साहब ने जनता पार्टी की तरफ से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार किया था। इस बात के लिए उन्हें वकील राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) ने राजी किया था लेकिन कुछ बातों के चलते वह कुछ समय बाद जनता पार्टी से दूर हो गए थे, जिसके बाद साल 1980 में देव आनंद ने खुद की पार्टी नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया बना ली थी।
हिंदी सिनेमा के कुछ लोगों की मदद से देव साहब ने ये पार्टी बनाई थी। इस पार्टी के गठन की घोषणा 4 सितंबर 1979 को मुंबई के ताज होटल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई थी। कॉन्फ्रेंस में उस समय पार्टी के समर्थन में वी शांताराम, श्री राम वोहरा, हेमा मालिनी, रामानंद सागर, आत्मा राम, संजीव कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकार शामिल थे।
देव आनंद की इस पार्टी को जवाहर लाल की बहन विजय लक्ष्मी पंडित का भी समर्थन था। पार्टी का मुख्यालय वी शांताराम के मुंबई के परेल स्थित राजकमल स्टूडियो में बनाया गया था। कुछ समय बाद ही यह पार्टी खत्म हो गई थी।
बताते चलें कि देव आनंद भारतीय सिनेमा के सबसे करिश्माई अभिनेता थे, उन्होंने भारतीय सिनेमा को एक अलग पहचान दिलाई थी। कमाल की एक्टिंग और जिंदादिली के लिए उन्हें जाना जाता है। हिंदी फिल्म के इतिहास में देव साहब का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। आज के लिए बस इतना ही अगले अध्याय में जानेंगे देव साहब से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में।