Dhruv Rathi : यूट्यूब पर अपनी विशेष पहचान बना चुके ध्रुव राठी ने हाल ही में बॉलीवुड फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के ट्रेलर पर एक कटाक्ष किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस ट्रेलर की समीक्षा करते हुए कुछ विचार साझा किए हैं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
ध्रुव राठी का वीडियो पोस्ट
ध्रुव राठी ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने ‘सिंघम अगेन’ के ट्रेलर को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “इस ट्रेलर में बहुत सारी चीजें हैं जो दर्शकों को बांधने में नाकाम रहती हैं। फिल्म के एक्शन सीन्स में एक ही फॉर्मूला का इस्तेमाल किया गया है।” राठी के इस वीडियो को देखने के बाद उनके प्रशंसक और अन्य यूजर्स भी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।
ध्रुव ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि फिल्में केवल मनोरंजन के लिए नहीं होतीं, बल्कि उन्हें समाज में चल रहे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा, “यदि हम केवल एक्शन और ड्रामा में उलझे रहें, तो समाज के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।”
एक्शन से ज्यादा गहराई की जरूरत
राठी का कहना है कि जबकि एक्शन फिल्में मनोरंजक हो सकती हैं, वे अक्सर सतही होती हैं। आज के दर्शक ऐसी कहानियों की तलाश में हैं जो भावनात्मक या बौद्धिक स्तर पर गूंजती हैं। गहराई को प्राथमिकता देकर, फिल्म निर्माता एक ऐसा अनुभव बना सकते हैं जो दर्शकों पर गहरा असर डाले।
‘सिंघम अगेन’ में अजय देवगन, काजल अग्रवाल, और रणवीर शौरी जैसे प्रमुख कलाकार शामिल हैं। इस फिल्म का निर्देशन रोहित शेट्टी ने किया है, जो पहले भी इस सीरीज की सफलताएँ दे चुके हैं। लेकिन राठी के कटाक्ष ने एक बार फिर दर्शकों के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या फिल्में केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से बन रही हैं या उनमें कोई गहरा संदेश भी है।
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सोशल मीडिया पर सामने आई प्रतिक्रिया
ध्रुव राठी के इस वीडियो पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ यूजर्स ने उनके विचारों का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने उनके दृष्टिकोण पर सवाल उठाए हैं। कुछ का मानना है कि ‘सिंघम अगेन’ एक पारंपरिक बॉलीवुड फिल्म है, जो कि एक्शन और मनोरंजन के लिए जानी जाती है।
यूट्यूबर ध्रुव राठी का यह कटाक्ष एक बार फिर से दर्शाता है कि सामाजिक मुद्दों पर फिल्म उद्योग को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। ‘सिंघम अगेन’ जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर एक आलोचनात्मक नजरिया रखने से यह सुनिश्चित होगा कि फिल्में केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के लिए भी कुछ योगदान कर सकें। उनके इस कटाक्ष ने न केवल ट्रेलर की चर्चा को बढ़ावा दिया है, बल्कि दर्शकों को भी सोचने पर मजबूर किया है।