Balcony Incident: पुणे की एक हाउसिंग सोसाइटी में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें बालकनी से गमला गिरने की वजह से एक छोटे बच्चे की मौत हो गई। ये घटना इतनी गंभीर थी कि इसका असर पूरे देश में दिखा। खासतौर पर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में इस पर तुरंत एक्शन लिया गया।
प्रशासन और RWA हुए सतर्क
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ एम. लोकेश ने बताया कि लोग अक्सर बालकनी की रेलिंग या दीवारों पर भारी चीजें जैसे गमले, एसी यूनिट या डेकोरेशन आइटम्स रखते हैं, जो हादसों की वजह बन सकते हैं। पुणे की घटना ने इस छिपे हुए खतरे को सबके सामने ला दिया है। नोएडा की कई सोसाइटियों में लोग खुद से गमले हटा रहे हैं। सेक्टर 122 की RWA उपाध्यक्ष स्वाति अग्रवाल ने बताया कि उन्हें किसी आधिकारिक आदेश की जरूरत नहीं पड़ी। जैसे ही अथॉरिटी की सलाह आई, लोग तुरंत सतर्क हो गए और बालकनी को खाली करने लगे।
गाजियाबाद और गुरुग्राम भी पीछे नहीं
गाजियाबाद के डीएम ने बिल्डिंग कमेटी (AOA) को आदेश दिया कि बालकनियों में लगी एसी की बाहरी यूनिट्स को मजबूती से फिक्स किया जाए और रेलिंग की स्थिति की जांच की जाए। गुरुग्राम में भी RWA ने बिना किसी आधिकारिक आदेश के खुद ही सुरक्षा से जुड़ी चेतावनी जारी कर दी है।
हरियाली के शौकीन हुए परेशान
नोएडा के कई निवासी इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन जो लोग अपने घरों की बालकनी में हरियाली बनाए रखते थे, उनके सामने अब एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। छोटी सी बालकनी ही उनके इनडोर गार्डन का एकमात्र सहारा थी।
क्या शहरी डिज़ाइन ही असली दोषी हैं?
सेक्टर 74 की निवासी आरज़ो ने कहा कि असली दिक्कत गमलों से ज्यादा, भारत के कमजोर बिल्डिंग डिज़ाइन और कानूनों में है। विदेशों में बालकनी के इस्तेमाल को लेकर साफ नियम होते हैं, लेकिन भारत में ऐसा कोई नियंत्रण नहीं है।
नए विकल्पों की तलाश में लोग
अब नोएडा के सेक्टर 100, 71, 74 और आम्रपाली जैसी बड़ी सोसाइटीज में लोग ज्यादा सुरक्षित उपाय ढूंढ रहे हैं। इनडोर गार्डनिंग, वॉल माउंटेड प्लांट होल्डर और स्टैंड के जरिए लोग अपने ग्रीन स्पेस को नया रूप दे रहे हैं।