AM and PM : आज हम जब भी घड़ी देखते हैं, तो उसके साथ AM या PM लिखा नजर आता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये AM और PM आखिर आते कहां से हैं और इनका मतलब क्या होता है? ये कोई आज की चीज नहीं है, बल्कि इनका इतिहास बहुत पुराना है। चलिए जानते हैं कि ये शब्द कैसे बने और हमारे समय का हिस्सा कैसे बने।
जब घड़ियां नहीं होती थीं
बहुत पहले जब इंसान के पास समय देखने के लिए घड़ियां नहीं थीं, तब लोग सूरज और चांद की मदद से समय का अंदाजा लगाते थे। दिन में सूरज की दिशा देखकर पहर समझे जाते थे, और रात को चांद-तारों से समय का हिसाब लगाया जाता था। प्राचीन मिस्र के लोग मानते थे कि दिन और रात बराबर होते हैं।
सूर्य घड़ी से मैकेनिकल घड़ी तक
इसके बाद सूरज की छाया देखकर समय बताने वाली सूर्य घड़ी (Sundial) का इस्तेमाल होने लगा। इसमें एक डंडी के सहारे छाया देखकर समय जाना जाता था। फिर जब यांत्रिक घड़ी यानी मैकेनिकल क्लॉक का आविष्कार हुआ, तो वो 24 घंटे की होती थी। इन घड़ियों का सबसे पहला इस्तेमाल यूरोप के चर्च टावरों में हुआ था। लेकिन जैसे-जैसे घड़ियां जेब में रखने लायक बनने लगीं, वैसे 14वीं सदी के बाद 12 घंटे की घड़ियों का चलन शुरू हो गया। ये घड़ियां देखने में आसान और छोटी होती थीं।
AM और PM की शुरुआत
जब घड़ियों को 12-12 घंटे में बांटा गया, तब दिन को दो हिस्सों में बांटने के लिए AM और PM का इस्तेमाल शुरू हुआ। ये शब्द लैटिन भाषा से आए हैं
AM का मतलब है Ante Meridiem, यानी दोपहर से पहले का समय।
PM का मतलब है Post Meridiem, यानी दोपहर के बाद का समय।
इस तरह, सुबह 6 बजे AM होता है और शाम 6 बजे PM होता है।
समय की गणना कैसे होती है
AM का समय: रात 12:00 बजे से लेकर दोपहर 11:59 तक।
PM का समय: दोपहर 12:00 बजे से लेकर रात 11:59 तक।
घड़ी में अगर लिखा हो 9:35, तो इसका मतलब है 9 घंटे और 35 मिनट। आप इसे 24 घंटे की घड़ी में 09:35 या 12 घंटे की घड़ी में 9:35 AM/PM के साथ दिखा सकते हैं।
24 घंटे की घड़ी और दुनियाभर की पसंद
19वीं सदी के आखिरी सालों में कई देशों की सेनाओं ने 24 घंटे वाली घड़ी को अपनाया ताकि समय में कोई गड़बड़ी न हो। आज भी अमेरिका और कनाडा की आर्मी इसे “मिलिट्री टाइम” के नाम से इस्तेमाल करती हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिलीपींस जैसे देशों में लोग अब भी AM और PM वाली 12 घंटे की घड़ी को ही ज्यादा पसंद करते हैं।