Kannan Gopinath : कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध के चलते सुर्खियों में आए पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन आज कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। गोपीनाथन को देशभर में एक साहसी और सिद्धांतवादी अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने सत्ता के दबाव के आगे झुकने के बजाय अपने विचारों के समर्थन में सिविल सेवा की नौकरी छोड़ दी थी। वहीं, दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े सोशल मीडिया यूज़र्स ने उन पर राष्ट्रविरोधी रुख अपनाने के आरोप भी लगाए हैं।
लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक बने गोपीनाथन
5 अगस्त 2019 को जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के साथ संचार प्रतिबंध लगाए, तब कन्नन गोपीनाथन ने इस फैसले का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था। उनका यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक बन गया, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा था कि “सरकार को नीतिगत फैसले लेने का अधिकार है, लेकिन नागरिकों को उस पर प्रतिक्रिया देने का समान अधिकार होना चाहिए। लोकतंत्र में असहमति को दबाना सही नहीं।” उनके इस बयान ने उन्हें देश-विदेश की मीडिया में चर्चा का केंद्र बना दिया।
कौन हैं कन्नन गोपीनाथन?
कन्नन गोपीनाथन 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। उन्होंने दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में बिजली, शहरी विकास और प्रशासन से जुड़े कई अहम पदों पर काम किया। 370 हटाए जाने के बाद इस्तीफा देने के बाद वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में सामने आए।
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वे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान भी एक प्रमुख चेहरा बने और देशभर में कई आंदोलनों को संबोधित किया। अप्रैल 2020 में केंद्र सरकार ने उन्हें सेवा में लौटने का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने दोबारा नौकरी ज्वॉइन करने से इनकार कर दिया। तब से वे लगातार लोकतांत्रिक अधिकारों, पारदर्शिता और जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाते रहे हैं।
कांग्रेस में शामिल होकर क्या बोले गोपीनाथन ?
शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गोपीनाथन की एंट्री कांग्रेस के लिए प्रतीकात्मक रूप से बड़ी बात है — यह संदेश देती है कि पार्टी संविधान, लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में खड़ी है। साथ ही, उनके आने से कांग्रेस को दक्षिण भारत और कश्मीर जैसे इलाकों में बौद्धिक वर्ग का समर्थन भी मिल सकता है।
कांग्रेस ज्वॉइन करने के बाद गोपीनाथन ने कहा, “मैंने 2019 में इस्तीफा इसलिए दिया था क्योंकि स्पष्ट था कि सरकार देश को गलत दिशा में ले जा रही है। बीते कुछ वर्षों में मैंने करीब 80-90 जिलों का दौरा किया, लोगों और नेताओं से बात की, और मुझे यह यकीन हो गया कि सिर्फ कांग्रेस ही देश को सही दिशा में ले जा सकती है।”