Ghaziabad: AOA की मनमानी पर लगाम, डीएम की निगरानी में गठित कमेटी करेगी शिकायतें दूर

गाजियाबाद में सोसाइटी निवासियों को RWA और AOA की मनमानी से बड़ी राहत मिली है। अब वे लिफ्ट मेंटेनेंस, सुरक्षा, और गुंडागर्दी से जुड़ी अपनी शिकायतें सीधे डीएम की निगरानी वाली कमेटी में कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने त्वरित और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

Ghaziabad

Ghaziabad: गाजियाबाद की सोसाइटियों में रहने वाले निवासियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब उन्हें रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन (RWA) और सोसाइटी प्रबंधकों की मनमानी और अनियमितताओं को नहीं झेलना पड़ेगा। जिलाधिकारी (DM) की सीधी निगरानी में एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जहां निवासी अब सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, और इन पर त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम निवासियों के हित में लिया गया है और इसका उद्देश्य सोसाइटी प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है।

जनता दर्शन के दौरान लगातार मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड ने सख्त चेतावनी जारी की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोसाइटी मेंटेनेंस में लापरवाही या निवासियों को डराने-धमकाने जैसी हरकतों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे मामलों में शामिल लोगों पर कठोरता से कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने इसे “जनहित का बहुत बड़ा मुद्दा” बताया है। इस कमेटी के सक्रिय होने के बाद, शुक्रवार से लोग अपनी शिकायतें देना शुरू कर सकते हैं।

इस महत्वपूर्ण कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी रजिस्ट्रार, एसीपी और संबंधित क्षेत्रीय इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है, जो विभिन्न प्रकार की शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।

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Ghaziabad प्रशासनिक जांच में यह बात सामने आई है कि कई सोसाइटियों में लिफ्ट का उचित मेंटेनेंस नहीं कराया जा रहा है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों की जान को गंभीर खतरा हो रहा है। डीएम के सामने ऐसे मामले भी आए हैं, जहां सोसाइटी प्रबंधक या अध्यक्ष बाउंसरों की मदद से निवासियों को डराते-धमकाते हैं, जो पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है।

कमेटी निम्नलिखित प्रमुख मामलों को देखेगी:

  1. लिफ्ट मेंटेनेंस में लापरवाही: लिफ्ट का समय पर और उचित रख-रखाव न होने के कारण सुरक्षा को खतरा।
  2. निवासियों को धमकाना: सोसाइटी प्रबंधक, पदाधिकारी या उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए बाउंसरों द्वारा निवासियों के साथ दुर्व्यवहार।
  3. सुरक्षा में चूक: सोसाइटी की सुरक्षा मानकों में कमी, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा।
  4. पार्किंग विवाद: पार्किंग से संबंधित मनमाने नियम या निवासियों के साथ अनुचित व्यवहार।
  5. अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी: पानी, बिजली या सामान्य क्षेत्रों के रखरखाव में अनियमितता और लापरवाही।

Ghaziabad जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड ने कड़े शब्दों में कहा है कि यदि सोसाइटी पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण किसी निवासी की जान जाती है, तो उनके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि बाउंसरों का इस्तेमाल कर निवासियों को डराना या धमकाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और प्रशासन इस पर सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा है। यह कमेटी सोसाइटियों में सुशासन और निवासियों के सुरक्षित जीवन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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