Dasna Devi Temple: गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के बाहर रविवार को भारी बवाल मच गया, जब हजारों की संख्या में लोग महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के समर्थन में महापंचायत में शामिल होने पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने इस महापंचायत को रोकने के लिए अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई। लोग बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। यति नरसिंहानंद ने कहा कि वह नजरबंद हैं, जबकि भाजपा विधायक सड़क पर बैठकर महापंचायत के आयोजन की बात कर रहे थे। पुलिस ने धारा 163 लागू करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया और चेतावनी दी कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यति नरसिंहानंद गिरि के समर्थन में डासना देवी मंदिर पर पंचायत में जा रहे लोगों पर गाजियाबाद, यूपी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। करीब 50 प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए। #narsinghanand https://t.co/15GgmCZJGN pic.twitter.com/3HMAFK4FCT
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 13, 2024
महापंचायत की अनुमति न मिलने से तनाव
गाजियाबाद के Dasna देवी मंदिर के बाहर महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें महंत यति नरसिंहानंद के विवादित बयान के बाद लोग बड़ी संख्या में शामिल होने पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने इस महापंचायत को रोकने के लिए भारी बल तैनात किया था, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस की कार्रवाई, लाठीचार्ज
लोगों द्वारा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करने के बाद पुलिस को (Dasna) लाठीचार्ज करना पड़ा। गाजियाबाद के एडिशनल सीपी दिनेश चंद्र पी ने कहा कि धारा 163 लागू की गई है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया और बाकी को समझाने की कोशिश की। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
महंत नरसिंहानंद नजरबंद
यति नरसिंहानंद ने कहा कि वह नजरबंद हैं, जबकि भाजपा विधायक सड़क पर बैठे हैं। उन्होंने पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की आलोचना की और कहा कि क्षेत्र में कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। उनका बयान स्थिति को और बिगाड़ने वाला साबित हुआ।
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भाजपा विधायक का समर्थन
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी महापंचायत के समर्थन में (Dasna) आकर कहा कि यह प्राचीन मंदिर है, जहां सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने रोक लगाई है तो भी पंचायत होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अराजक तत्वों पर कार्रवाई करने की अपील की।
मंदिर पर हमले
यह महापंचायत 4 अक्टूबर को मंदिर पर हुए हमले के संदर्भ में बुलाई गई थी। मंदिर प्रशासन ने पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने इसे अस्वीकृत कर दिया। इसके चलते समाज में आक्रोश बढ़ता गया है, और यह महापंचायत राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।