Jasoldham: श्री रानी भटियाणी मंदिर संस्थान, जसोल धाम में रविवार को चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ अनुष्ठान का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर देश भर से आए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और मंदिर परिसर मां शैलपुत्री व मां रानी भटियाणी के जयकारों से गूंज उठा। श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता और हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित इस अनुष्ठान में मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह और संयोजक कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने विश्व कल्याण की कामना से हवन में आहुति दी।
कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ अनुष्ठान
अभिजीत मुहूर्त में मंदिर में कलश स्थापना की गई। मां शैलपुत्री और मां रानी भटियाणी की पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी थी। रावल किशन सिंह और कुंवर हरिशचंद्र सिंह ने विधिवत पूजा की और हवन के बाद कन्या पूजन भी संपन्न किया। इस दौरान मंदिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं ने श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने क्या कहा?
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज (Jasoldham) ने कहा, “शैल का अर्थ हिमालय है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण माता पार्वती को शैलपुत्री कहा जाता है। उनका वाहन वृषभ (बैल) है इसलिए इन्हें वृषभारूढ़ा भी कहते हैं। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है। इनकी पूजा से सभी दोष दूर होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।” उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना और विधिवत पूजा से मां शैलपुत्री की कृपा प्राप्त होती है।
विश्व में प्रसिद्ध है जसोल धाम की मान्यता
मंदिर के अध्यक्ष रावल किशन सिंह ने कहा, “श्री रानी भटियाणी मंदिर की मान्यता न केवल देश बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है। यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना से माता रानी अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करती हैं।” उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान में देश भर से श्रद्धालु शामिल हुए और मंदिर परिसर भक्ति के रंग में रंग गया।
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देश के आठ स्थानों पर अनुष्ठान
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज (Jasoldham) की अध्यक्षता में देश के आठ स्थानों पर नवरात्रि अनुष्ठान शुरू हुआ। जसोल धाम के अलावा सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर (गाजियाबाद), प्राचीन बाली सुंदरी चतुर्भुजी मंदिर (द्वारका पुरी, दिल्ली), श्री सिद्धेश्वर महादेव कुटी, गढ़, पालिया रूपादेवी मंदिर, शिवतालाब और मालाजाल में भी पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। जसोल धाम में आचार्य तोयराज उपाध्याय के नेतृत्व में तीर्थराज, दीपांशु, अभिषेक पांडेय, अभिषेक द्विवेदी, निखिलेश, विकास और मनोहर ने पूजा संपन्न कराई। वहीं अन्य स्थानों पर भी आचार्यों और पंडितों ने विधिवत पूजन किया।
मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़
मंदिर में मां के दर्शन और हवन में भाग लेने आए श्रद्धालुओं (Jasoldham) ने कहा कि यह अनुष्ठान उनके लिए आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है। मां शैलपुत्री की व्रत कथा सुनने और पूजा में शामिल होने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होने की उम्मीद है। मंदिर परिसर में दिन भर भक्ति का माहौल बना रहा और श्रद्धालुओं ने मां रानी भटियाणी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की। यह अनुष्ठान नवरात्रि के नौ दिनों तक चलेगा जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। जसोल धाम में इस आयोजन ने एक बार फिर भक्ति और विश्वास की मिसाल कायम की है।