Gold Rate Today : लगातारा समान छू रहे सोने के दाम, जानें आज कहां तक पहुंचे बाज़ार में सोने-चांदी के दाम ?

पिछले 15 वर्षों से सोने की मांग लगभग स्थिर बनी हुई है और इसकी आपूर्ति में भी कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है, फिर भी सोना इस समय ऐसे चरण से गुजर रहा है, जैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला।

Gold Rate Today

Gold Rate Today : अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव तथा इस साल के अंत तक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की अटकलों के बीच सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस समय सोना 4,185 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर है।

मंगलवार के कारोबार में उतार-चढ़ाव के बावजूद चांदी में भी तेजी देखी गई और यह 53.54 डॉलर प्रति औंस से ऊपर अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सोने ने साल के पहले दस महीनों में ही 50% से अधिक रिटर्न दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, सिर्फ इस साल सोना 36 से ज्यादा बार अपने ऑल टाइम हाई को छू चुका है।

ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा सोना

दिलचस्प बात यह है कि बीते 15 वर्षों से सोने की मांग लगभग स्थिर बनी हुई है और आपूर्ति में भी कोई उल्लेखनीय कमी नहीं आई है। इसके बावजूद सोना इस समय अभूतपूर्व दौर से गुजर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित निवेश के रूप में इसकी लगातार खरीद और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने इसमें नई जान फूंक दी है।

पिछले तीन वर्षों में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने बड़ी मात्रा में सोना खरीदा है। ट्रंप की टैरिफ नीति और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भी इस तेजी में योगदान दिया है। इन सब कारणों से 2010 से अब तक सोने की कुल मांग में लगभग 15% की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत और चीन जैसे देश भी इस अवधि में सोने के बड़े खरीदार बने रहे हैं।

आम लोगों की पहुंच से दूर हुआ सोना

भारत में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। 2010 के दशक में जहां 10 ग्राम सोने की कीमत 40,000-50,000 रुपये थी, वहीं अब यह 1,30,000 रुपये के पार पहुंच चुकी है। सिर्फ पिछले दस महीनों में ही सोना 77,000 रुपये से बढ़कर 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है — यानी करीब 51% की बढ़ोतरी।

इस तेजी के पीछे केंद्रीय बैंकों की बड़ी खरीद एक अहम कारण मानी जा रही है। 2022, 2023 और 2024 में बैंकों ने हर साल 1,000 टन से अधिक सोना खरीदा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, मई 2025 तक केंद्रीय बैंकों के पास आधिकारिक तौर पर 36,344 टन सोना मौजूद है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की ताजा रिपोर्ट बताती है कि यह खरीदारी आगे भी जारी रहने की संभावना है। चूंकि कुल वैश्विक भंडार का लगभग एक-चौथाई हिस्सा केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदा जा चुका है, इसलिए आभूषणों और निवेश के लिए बाजार में सोने की उपलब्धता घटने लगी है।

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इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर में आई ऐतिहासिक गिरावट ने भी सोने को और मजबूत बनाया है। सामान्यतः डॉलर और सोना एक-दूसरे के विपरीत दिशा में चलते हैं — जब डॉलर कमजोर होता है तो सोने की कीमतें बढ़ती हैं। इस साल डॉलर में लगभग 11% की गिरावट आई है, जो 1973 के बाद सबसे बड़ी मानी जा रही है। ICE (Intercontinental Exchange) के अनुसार, डॉलर इंडेक्स इस समय 98.57 पर है।

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