Google भारत में बनाएगा पहला AI हब, 15 अरब डॉलर का करेगा ऐतिहासिक निवेश

गूगल भारत में अपना पहला AI हब स्थापित करने जा रहा है। सीईओ सुंदर पिचाई ने घोषणा की कि कंपनी अगले 5 सालों में विशाखापत्तनम में AI हब और डेटा सेंटर बनाने के लिए $15 अरब (करीब ₹1,331.85 अरब) का निवेश करेगी।

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Google AI Hub: तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल (Google) ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश का पहला AI हब स्थापित करने की घोषणा की है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को यह ऐतिहासिक घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए लगभग 15 अरब डॉलर (करीब 1,331.85 अरब रुपये) का भारी निवेश करेगी।

यह निवेश आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक विशाल Google डेटा सेंटर और AI हब बनाने में उपयोग होगा। पिचाई ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है। यह घोषणा भारत के लिए एक बड़ा जैकपॉट मानी जा रही है, जो देश के तकनीकी और आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करेगी। यह AI हब गीगावॉट स्तर की कंप्यूटिंग क्षमता, एक नया अंतरराष्ट्रीय सबसी गेटवे और बड़े पैमाने पर ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर को एकीकृत करेगा, जैसा कि सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा किया।

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इस ऐतिहासिक निवेश की पुष्टि करते हुए, गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने ‘पीटीआई’ को बताया कि यह नया AI हब, AI बुनियादी ढांचे, नई डेटा सेंटर क्षमता, बड़े ऊर्जा स्रोतों और विस्तारित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को एक साथ लाएगा। उन्होंने कहा, “हम विशाखापत्तनम में AI केंद्र स्थापित करने के लिए अगले पांच वर्ष में 15 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।”

Google का यह पहला AI हब होगा, और कंपनी इसके लिए भारतीय AI इंजीनियरों को भी मौका देगी। थॉमस कुरियन ने इवेंट के दौरान जानकारी दी कि गूगल पिछले 21 सालों से भारत में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और 14,000 से अधिक भारतीय उससे जुड़े हुए हैं। यह घोषणा दर्शाती है कि गूगल भारत को AI और डेटा सेंटर के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में देखता है। यह निवेश न केवल देश में रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक AI मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान भी दिलाएगा। पिचाई और मोदी के बीच हुई चर्चा इस बात का संकेत है कि यह परियोजना राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ गहराई से जुड़ी हुई है।

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