Hathras kand: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के कारण 121 लोगों की मौत हो गई है, और यह सवाल उठ रहा है कि इस हादसे का जिम्मेदार कौन है। सत्संग के आयोजक और प्रशासन दोनों ही कठघरे में हैं। हादसे के 24 घंटे बाद भी दोषी फरार हैं, और बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा लापता हैं।
उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुख्य सेवादार और आयोजन समिति का प्रभारी देव प्रकाश मधुकर भी अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है। पुलिस ने एफआईआर में देव प्रकाश को मुख्य आरोपी बनाया है।
सत्संग में 2.5 लाख लोगों की उमड़ी भीड़
यह घटना सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव की है, जहां मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति ने 150 बीघा के खुले मैदान में सत्संग आयोजित किया था। पुलिस एफआईआर के अनुसार, 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली गई थी, लेकिन तीन गुना ज्यादा यानी ढाई लाख लोगों की भीड़ जमा हो गई। व्यवस्थाएं बाबा के सेवादार और आयोजन समिति के लोग संभाल रहे थे, जबकि मौके पर सिर्फ 40 पुलिसकर्मी तैनात थे।
मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जो बाबा के सत्संग में शामिल होने आए थे। फिलहाल सरकारी अस्पताल में बर्फ की सिल्लियों पर शव रखे हुए हैं, और पीड़ितों के रिश्तेदार रोते-बिलखते हुए शवों को घर ले जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
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किन धाराओं में दर्ज हुई FIR
एफआईआर में बाबा को आरोपी नहीं बनाया गया है, मुख्य आरोपी आयोजक और सेवादार देवप्रकाश मधुकर हैं, और अन्य आयोजक और सेवादार भी आरोपी हैं, लेकिन किसी का नाम नहीं है। देवप्रकाश सिकंदराराऊ का रहने वाला है।
आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सवाल उठता है कि 80 हजार की अनुमति में 2.5 लाख लोग कैसे आ गए और प्रशासन को इसकी भनक क्यों नहीं थी।
आश्रम में पुलिस ने मारा छापा, लेकिन बाबा फरार
मंगलवार को भगदड़ (Hathras kand) के बाद से बाबा भूमिगत हैं, और पुलिस को उनकी कोई जानकारी नहीं है। मैनपुरी में ‘राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट’ आश्रम में पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन बाबा वहां नहीं मिले।
नौकरी छोड़कर बने सत्संग वाले बाबा
बाबा का असली नाम सूरजपाल है, और वह एटा जिले के बहादुरनगर गांव के रहने वाले हैं। पहले उन्होंने पुलिस की नौकरी की थी, लेकिन बाद में नौकरी छोड़कर सत्संग करने लगे। बाबा का एक आश्रम बहादुर नगर में भी है, जहां प्रतिदिन हजारों भक्त पहुंचते हैं। बाबा और उनके अनुयायी सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं।
सत्संग के आयोजन (Hathras kand) की जिम्मेदारी 17 सदस्यीय कोर कमेटी पर थी, जिसमें देव प्रकाश मुख्य प्रभारी थे। घटना के बाद देव प्रकाश फरार है, और पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है।
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मौके पर कमेटी के 17 सदस्य मौजूद थे
मंगलवार को जब भगदड़ हुई, तो कमेटी के सभी 17 सदस्य मौके पर मौजूद थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि बाबा के चरणों की धूल के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े और गहरे गड्ढे में एक के ऊपर एक गिरते चले गए। गर्मी-उमस और संकरे रास्ते के कारण कई बेहोश हो गए।
हाथरस में भगदड़ के कारण सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की गुहार लगाई गई है।
घटना की साजिश के तहत जांचने का आदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और जांच की जानकारी ली। उन्होंने इस घटना को साजिश के तहत भी जांचने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए सीएम योगी से फोन पर हादसे की जानकारी ली।
राज्य और केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी घटना पर संवेदना जताई।
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महिलाओं के बीच ज्यादा प्रख्यात है बाबा
बाबा नारायण साकार हरि का असली नाम सूरजपाल सिंह है, जो पहले यूपी पुलिस में पदस्थ थे और बाद में आध्यात्म की ओर मुड़ गए। बाबा के अनुयायी महिलाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं और सत्संग में वे विशेष सफेद सूट और जूते पहनकर आते हैं।