Mayawati: मायावती ने सरकार पर उठाए सवाल, बाबा को मिली ‘क्लीन चिट’ पर नाराज़गी

मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को बचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 121 निर्दोषों की मौत के बाद भी बाबा का नाम चार्जशीट में न होना चौंकाने वाला है।

Mayawati

Mayawati: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई को हुए सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मायावती ने सरकार पर भगदड़ के मुख्य आरोपी, बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा, को बचाने का आरोप लगाया है, जिससे जनता में भारी आक्रोश है। इस घटना की चार्जशीट 1 अक्टूबर को दाखिल हुई, जिसमें 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया, लेकिन बाबा का नाम न होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

चार्जशीट में बाबा का नाम क्यों नहीं?

पुलिस ने इस मामले में 3200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 11 सेवादारों को आरोपी बनाया गया, लेकिन बाबा सूरजपाल का नाम गायब है। सत्संग के आयोजनकर्ता बाबा के खिलाफ कार्रवाई न होने पर मायावती ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह ‘जनविरोधी राजनीति’ है और यह दर्शाता है कि बाबा को सरकारी संरक्षण प्राप्त है।

जनता में नाराजगी, प्रशासन पर सवाल

सोशल मीडिया पर Mayawati ने लिखा, “121 निर्दोष लोगों की मौत के मामले में बाबा को क्लीन चिट देना शर्मनाक है। प्रशासन और पुलिस की लापरवाही स्पष्ट है, और सरकार का रवैया यह दर्शाता है कि वे दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”

Mayawati के इस बयान के बाद जनता में नाराजगी और प्रशासन पर कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। ज्यादातर धार्मिक आयोजनों में भगदड़ की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन इतनी बड़ी त्रासदी के बावजूद सरकार ने इस बार कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है।

शामली के Axis Bank में 40 लाख की लूट, लुटेरे के सामने सरेंडर करते नजर आए बैंक अधिकारी, सामने आया CCTV फुटेज

लापरवाही का खामियाजा कौन भरेगा?

2 जुलाई को हुई भगदड़ के बाद पुलिस ने मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को गिरफ्तार किया था और अन्य 10 लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन बाबा सूरजपाल, जिनके सत्संग के लिए लाखों लोग जुटे थे, का नाम एफआईआर में नहीं जोड़ा गया।

मायावती ने पूछा, “इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी बाबा और उन्हें बचाने वाले अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या यही प्रशासन की ज़िम्मेदारी है?”

धार्मिक आयोजनों में भगदड़: एक गंभीर समस्या

इस घटना ने धार्मिक आयोजनों में होने वाली भगदड़ों की ओर एक बार फिर ध्यान खींचा है। मायावती ने पूछा, “अक्सर क्यों धार्मिक आयोजनों में भगदड़ होती है? यह एक खतरनाक ट्रेंड बनता जा रहा है, और सरकारें इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल हो रही हैं।”

Exit mobile version