लिप कैंसर होठों की त्वचा पर होता है और यह ऊपरी या निचले होंठ में कहीं भी हो सकता है। ज्यादातर निचले होंठ पर होने की संभावन होती है। लिप कैंसर को एक तरह से मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। इसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कहते हैं, जो होठों की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण होता है।
अब ये भी जान लीजिए आखिर होठों का कैंसर होता कैसे है। ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. विनीत तलवार के अनुसार, सिगरेट, तंबाकू का सेवन और धूप में ज्यादा समय बिताने से लिप कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट के कारण होठों का काला पड़ना भी इसका ही एक फैक्टर है। गोरी त्वचा वाले और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। लिप कैंसर के इलाज में आमतौर पर सर्जरी के जरिए ट्यूमर को हटाया जाता है और कुछ मामलों में कीमोथेरेपी की भी जरूरत पड़ सकती है। डॉ. तलवार बताते हैं कि लिप कैंसर के मामले कम होते हैं। होठों के कैंसर को डॉक्टर मुंह के कैंसर की श्रेणी में रखते हैं। इन लक्षणों से पता चलता है। होठों पर सफेद धब्बे दिखाई देना। होंठ पर ऐसा घाव जो ठीक न हो रहा हो। होठों या मुंह के आसपास की त्वचा में दर्द या सुन्नपन महसूस होना।
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ऐसे बचें, तंबाकू का सेवन बंद करें, तंबाकू का उपयोग अगर करते हैं,तो इसे तुरंत छोड़ दें। धूप से बचाव करें, लंबे समय तक धूप में रहने से लिप कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाएं।