आजकल भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के काफी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए हर एक महिला को प्रत्येक वर्ष स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए। औसतन जोखिम वाली महिलाओं को 40 साल की उम्र से ही स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए और उसे 70 साल की उम्र तक जारी रखना चाहिए।
क्या है स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग ?
अब आप सोच रहे होंगे कि स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग क्या होती हैं तो सुनिए स्क्रीनिंग में महिलाओं को खुद के स्तन की जांच, डॉक्टर के द्वारा स्तन की जांच और मैमोग्राम यानि (स्तन का एक्स रे) का उपयोग किया जाता है। ये स्क्रीनिंग उन महिलाओं की जाती है, जिन्हें स्तन कैंसर के कोई लक्षण ना हो ताकि ब्रैस्ट कैंसर के बारे में शुरूआती स्टेज का पता चल जाए। डेंस स्तन वाले मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। और MRI उन महिलाओं की करी जाती है जिनमे स्तन कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है। अगर उपचार प्रारम्भ से होता है तो बीमारी के कारण होने वाली पीड़ा और मरने की संभावना काफी कम हो जाती है।

किस उम्र में स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए?
ब्रैस्ट कैंसर के बहुत से कारण है जैसे कि अगर परिवार में किसी सदस्य को स्तन कैंसर है यानि उसके जीन में है, तो स्तन कैंसर हो सकता हैं, तो ऐसे में MRI स्क्रीनिंग को मैमोग्राफी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे परिवार के बाकी महिलाओं की भी स्क्रीनिंग शुरू की जाती है। 30 साल की आयु से पहले ये स्क्रीनिंग नहीं की जाती है।
सेल्फ स्तन स्क्रीनिंग के दौरान ये गलतियां न करे
महिलाओ को अपने स्तन की स्क्रीनिंग करते समय हर एक स्तन पर कम से कम 5 मिनट ध्यान देना चाहिए है। अगर आप जल्दी बाजी में स्क्रीनिंग करेंगी तो आप खुद कुछ लक्षण नजरअंदाज कर देंगी।

पीरियड्स के दौरान स्तन की स्क्रीनिंग बिलकुल न करे
और हाँ ये याद रखना कि आप अपने पीरियड्स के दौरान स्तन की स्क्रीनिंग बिलकुल न करे, अगर आप ऐसा करती है, तो आपको हॉर्मोन के प्रभाव की वजह से ब्रैस्ट भारी,सूजे हुए और पेनफुल हो जाएगे। इसलिए जरुरी है कि आप अपने महामारी के दिनों में स्तन की जांच न करें।
उंगली के सिरों का इस्तेमाल करना
जांच करते समय हमेशा उंगलियों के तलवों की जगह उंगली के सिरों का इस्तेमाल करे। स्क्रीनिंग के दौरान गलत तरीके से कभी दबाव नहीं डालना चाहिए हमेशा हल्के हाथो से जांच करे।
गलत तरीके से जांच
आपको सही तरह से स्तन की जांच करने के लिए 3 तरीकों की जानकारी होनी चाहिए। जैसे कई महिलाएं स्तन की जांच करने के दौरान अंडरआर्म्स, निप्पल के नीचे और स्तन के नीचे ध्यान देना भूल जाती है।