हाल ही में तेलंगाना में आठ वर्षीय एक बच्चे की मौत चॉकलेट खाने से हो गई। चॉकलेट से मौत ? ये कैसे हो सकता हैं, आपके मन में पहला सवाल तो यही आया होगा, हैं ना. दरअसल चॉकलेट बच्चे को गले में अटक गई थी, जिसके कारण उसका दम घुट गया। इस खबर ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला तो ये क्या बच्चों को चॉकलेट नहीं देना चाहिए? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्चे ने चॉकलेट मुंह में रखी जो उसके गले में अटक गई। सांस न आने कारण बच्चा परेशान होकर जमीन पर गिर पड़ा, फिर जल्दी से उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत करार कर दिया।
बच्चों के खाने को लेकर बरतें सावधानी
डॉक्टर्स का कहना है कि छोटे बच्चों में गले में भोजन फंसने के मामले अक्सर देखे जा रहे हैं, इसलिए माता-पिता को इस बारे में विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। आइए तो जानते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का इस बारे में क्या कहना है? बच्चों के खाने को लेकर बरतें सावधानी
एक्सपर्ट्स कहते हैं
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बच्चों में चॉकलेट और टॉफी जैसी चीजों के श्वासनली में फंसने का जोखिम अक्सर देखा जाता रहा है, कुछ स्थितियों में इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। अक्सर चलते-फिरते बच्चे चॉकलेट और कैंडी खाते रहते हैं, ऐसे में अचानक इसके गले में फंसने का जोखिम हो सकता है। इसलिए खाने की चीजों को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए
बच्चों को चॉकलेट न दें, इससे दांतों के साथ सेहत को और कई नुकसान हो सकते हैं। छोटे बच्चों को बिल्कुल भी चॉकलेट या कैंडी खाने को नहीं देना चाहिए। छोटे बच्चों के दांत नहीं होते हैं ऐसे में चॉकलेट निगलने और फिर उसके गले में फंसने का खतरा हो सकता है। इस बारे में सभी माता-पिता को सावधानी बरतनी चाहिए।
श्वासनली में कुछ फंस जाए तो क्या करें?
चीजे सीधे निगलने से उसके श्वासनली में फंसने का जोखिम हो सकता है। अगर श्वासनली में कुछ फंस जाए तो वेलसेल्वा मैनेअर दिया जाता है। इसमें फेफड़ों के बीच दबाव डाला जाता है, जिससे खांसी के माध्यम से फंसी हुई चीजों के बाहर निकालने में मदद मिल सके। साथ ही रोगी को तुरंत नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएं।