Corona cases rising again in India: भारत में कोरोना फिर से फैल रहा है। दुनिया के कई हिस्सों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस के केस एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं। 2 जून 2025 तक देश में कुल 3758 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जो कि बीते कुछ हफ्तों की तुलना में कहीं ज्यादा हैं। 22 मई को एक्टिव केस सिर्फ 257 थे, लेकिन यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता गया और 31 मई तक 3395, फिर 2 जून तक 3758 तक पहुंच गया।
किन राज्यों में सबसे ज्यादा केस?
सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य केरल है, जहां 1400 एक्टिव केस हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 485, दिल्ली में 436, गुजरात में 320, कर्नाटक में 238, पश्चिम बंगाल में 287, तमिलनाडु में 199 और उत्तर प्रदेश में 149 एक्टिव केस हैं।
कुछ राज्यों जैसे अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में फिलहाल कोई एक्टिव केस नहीं हैं।
सरकार दे रही है ये मुफ्त सुविधाएं
सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए फिर से पूरी तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में इलाज, टेस्ट और दवाएं बिल्कुल मुफ्त दी जाती हैं।
RT-PCR और एंटीजन टेस्ट मुफ्त किए जाते हैं।
ICU, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की सुविधा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त मिलती है।
गंभीर मरीजों को एडमिट करने की व्यवस्था भी सरकार द्वारा फ्री रखी गई है।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ
आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत गरीब और पात्र मरीजों को निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज मिलता है।
इसके अंतर्गत मिलने वाली दवाएं जैसे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ), रेमडेसिविर आदि मुफ्त में मिलती हैं।
कुछ राज्यों में प्लाज्मा थेरेपी भी मुफ्त दी जा रही है।
देश के कौन-कौन से अस्पतालों में है फ्री इलाज?
दिल्ली: एम्स (AIIMS), सफदरजंग अस्पताल, LNJP अस्पताल
मुंबई: KEM अस्पताल, BYL नायर, जेजे अस्पताल
लखनऊ: KGMU, SGPGI
चेन्नई: राजीव गांधी गवर्नमेंट जनरल अस्पताल
बेंगलुरु: विक्टोरिया अस्पताल, बो रिंग अस्पताल
इन सभी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए पूरी तरह मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
क्या करें और कैसे बचें?
अगर हल्के लक्षण भी हों तो तुरंत टेस्ट कराएं।
घर में रहें और दूसरों से दूरी बनाकर रखें।
मास्क लगाएं, हाथ धोते रहें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
अगर लक्षण गंभीर हो जाएं तो फौरन अस्पताल जाएं।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी लक्षण या इलाज को लेकर निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।