नई दिल्ली। भारत में टीकाकरण के नियम तय करने के लिए सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स एनटीएजीआई (NTAGI) ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच की अवधि को कम करने का प्रस्ताव दिया है। बताया गया है कि NTAGI ने कोविशील्ड की पहली डोज के 8-16 हफ्तों बाद दूसरी डोज लगाने के फॉर्मूले को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि अभी टीकाकरण नीति के तहत कोविशील्ड की पहली डोज लगने के 12 से 16 हफ्ते बाद दूसरी खुराक दी जाती है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने अब तक भारत बायोटेक की कोवाक्सिन की दो डोज के बीच की 28 दिन की समयावधि में कोई बदलाव नहीं किया है।
फिलहाल कोविशील्ड पर NTAGI की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया है, उसे लागू किया जाना बाकी है। एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, सलाहकार समूह का प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर हुई कुछ हालिया वैज्ञानिक स्टडीज के आधार पर दिया गया है। इसके तहत कोविशील्ड की दूसरी डोज जब आठ हफ्तों बाद दी जाती है, तो इससे पैदा होने वाली एंटीबॉडीज की प्रतिक्रिया बिल्कुल वैसी ही होती है, जैसी 12 से 16 हफ्तों के बीच दूसरी डोज देने के बाद मिलती है।
बताया गया है कि अगर सरकार इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देती है तो इससे लाभार्थियों को कोविशील्ड की दूसरी डोज तेजी से लगने का रास्ता साफ हो जाएगा। दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक बार फिर सिर उठाते मामलों के बीच फिलहाल देश में छह से सात करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं मिली है।
इससे पहले 13 मई 2021 को केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतराल 6 से 8 हफ्तों से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते का कर दिया था। इसे लेकर भी NTAGI ने ही स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्ताव दिया था।