Health Hazard : ज़हरीली शराब कैसे बनती है जानलेवा और कितनी देर में ले सकती है इंसान की जान

जहरीली शराब में मौजूद मिथाइल अल्कोहल शरीर के लिए बेहद घातक होता है। अगर समय रहते इलाज न मिले, तो यह धीरे-धीरे अंगों को खराब कर देता है और जान ले सकता है।

Deadly Impact of Toxic Liquor हर साल भारत में हजारों लोग जहरीली शराब पीने की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। खासकर बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। आइए जानते हैं कि शराब जहरीली कैसे बनती है, इसके असर कितनी देर में दिखते हैं और यह इंसान की जान कैसे ले सकती है।

कैसे जहरीली बनती है शराब?

भारत के कई हिस्सों में गैरकानूनी तरीके से देसी शराब बनाई जाती है। इसमें नशा बढ़ाने के लिए मिथाइल अल्कोहल (मेथेनॉल) मिलाया जाता है, जो बहुत जहरीला होता है। जबकि सामान्य शराब में एथाइल अल्कोहल (ईथेनॉल) होता है, जो शरीर कम मात्रा में सहन कर सकता है।

देसी शराब बनाने के लिए सही तरीके से फर्मेंटेशन और डिस्टिलेशन नहीं किया जाता। सस्ते और खतरनाक केमिकल जैसे नौसादर, यूरिया, ऑक्सीटॉक्सिन और बेसरमबेल की पत्तियां मिलाई जाती हैं, जो शरीर पर बुरा असर डालते हैं। यही वजह है कि यह शराब जानलेवा बन जाती है।

जहरीली शराब का असर कितनी जल्दी होता है?

मिथाइल अल्कोहल वाली शराब पीने के करीब 30 मिनट बाद इसके असर दिखने लगते हैं। व्यक्ति को चक्कर आना, घबराहट, उल्टी और सिरदर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। अगर शराब में मिथाइल अल्कोहल ज्यादा होता है, तो शरीर में यह फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मिक एसिड में बदलने लगता है। ये दोनों केमिकल शरीर के लिए बेहद खतरनाक होते हैं और असर पीने के 3 से 4 घंटे बाद तेज हो जाता है।

कितना खतरनाक होता है ये असर?

शराब पीने के कुछ ही घंटों बाद आंखों की रोशनी पर असर दिखने लगता है। दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं। इसके अलावा किडनी और लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है।अगर समय रहते इलाज न मिले, तो मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। कुछ मामलों में 6 से 8 घंटे में इंसान बेहोश हो सकता है और मौत हो सकती है। कभी-कभी यह असर 72 घंटे तक भी चलता है।

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