Health news: आजकल फूड डिलीवरी ऐप्स जैसे जोमैटो, स्वीगी और जेप्टो 10 मिनट में खाना डिलीवर करने का दावा कर रहे हैं। यह सुनकर लग सकता है कि कितनी अच्छी बात है,इस भागदौड़ की जिंदगी में सबकुछ जहां जल्दी चाहते है। वहीं इतनी जल्दी अगर खाना मिल जाए तो लोगों के लिए इससे अच्छी बात हो ही नहीं सकती है।लेकिन एक्सपर्ट्स की सुने तो ये इतनी भी अच्छी बात नहीं है,इसमें सेहत को बहुत खतरा है।ये 10 min फूड डिलीवरी सेहत को बहुत भारी पड़ सकती है।
क्या कहते है एक्सपर्ट
डॉ. मनन वोरा, जो एक ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं, उनका कहना है कि जब खाना 10 मिनट में डिलीवर किया जाता है, तो इसे तैयार करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता। इसका मतलब है कि खाने को जल्दी से तैयार करने के लिए हमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का इस्तेमाल करना पड़ता है, जो सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। ये खाने पहले से तैयार होते हैं, फ्रोजन होते हैं, और माइक्रोवेव में गरम कर के भेजे जाते हैं।
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
डॉ. वोरा ने कुछ रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं जैसे-
कैंसर का खतरा: ऐसे फूड्स से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
हृदय रोग: हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
मोटापा: भारत में मोटापे की समस्या बढ़ रही है, और ये फूड्स इसे और बढ़ा सकते हैं।
डायबिटीज: शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
ट्रांस फैट्स: इनमें ट्रांस फैट्स होते हैं, जो हृदय रोगों का कारण बनते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए क्या करें?
डॉ. वोरा का कहना है कि अगर आप बाहर का खाना चाहते हैं तो थोड़ा इंतजार करें और ताजे और हेल्दी ऑप्शन का चुनाव करें। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बात की अपील की है कि 10 मिनट की डिलीवरी से स्वास्थ्य पर असरपड़ सकता है, और हमें इसके बारे में सोचने की जरूरत है।
लोगों का विचार
सोशल मीडिया पर डॉ. वोरा की बातों को लेकर काफी चर्चा हो रही है। एक यूज़र ने कहा, 10 मिनट में खाना मिलना तो अच्छा लगता है, लेकिन इससे हमारी सेहत पर दूरगामी असर हो सकता है।दूसरे ने कहा, ये 10 मिनट की डिलीवरी हमें 10 साल बाद बीमारियों का तोहफा दे सकती है।
फास्ट फूड की बढ़ती समस्या
बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शंतनु देशपांडे ने भी इस बढ़ती फास्ट फूड की समस्या पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इन सस्ते और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।जब फूड डिलीवरी की स्पीड बढ़ रही है, तो हमें अपनी सेहत पर भी ध्यान देना जरूरी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार और फूड कंपनियों को मिलकर हेल्दी और पौष्टिक विकल्पों की डिलीवरी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि केवल स्पीड और सस्ती कीमत पर ही ध्यान न दिया जाए।