Health news: अक्सर होम्योपैथी पर सवाल रहता है। कि फायदा करेगी की नहीं लोग ज्यादातर एलोपैथी की तरफ ही जाते है क्योंकि वह जल्दी असर दिखाई देता है।और होम्योपैथी को में दवाइयां धीरे-धीरे असर दिखाती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इसका असर कम होता है। इसका तरीका शरीर को खुद ठीक होने की ताकत देता है, जिससे बीमारी का इलाज नेचुरल तरीके से होता है। होम्योपैथी में हर व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है, जिससे यह पूरी तरह से कारगर और असरदार होता है।होम्योपैथी में तो डॉक्टर ये भी मानते हैं अगर बीमारियां ठीक नहीं हो रही हैं होम्योपैथी दवा से तो कमी डॉक्टर में है न कि होम्योपैथ की दवाइयों में।
डॉ अम्बरिश कुमार राय का जवाब
इस बारे में वाराणसी के होम्योपैथ के वरिष्ठ चिकित्सक और होम्योपैथी मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (यूपी) के संयुक्त सचिव डॉ. अम्बरिश कुमार राय ने काफी अहम जानकारियां दीं। आइए जानते हैं होमियोपैथ चिकित्सा की कुछ जानकारी और उन अफवाहों के जवाब में जो समाज में फैली हुई हैं।
पहली अफवाह: होम्योपैथी एक प्लेसिबो थिरेपी है यानी मरीज दवाइयों का सेवन लंबे समय तक करता है और ठीक होने के बाद ये कहा जाता है कि बीमारी अपने आप खत्म हो गई। इसमें होम्योपैथ का कोई योगदान नहीं है।
जवाब : ऐसा कुछ नहीं है। होम्योपैथी की दवाएं देर से जरूरी असर करती हैं लेकिन असाध्य रोगों का जड़ से इलाज कर देती हैं। बशर्तें, सही तरीके और समय पर दवाइयों का सेवन होना चाहिए। होम्योपैथ इम्युनिटी को बूस्ट करता है।
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दूसरी अफवाह:होमियोपैथ की कई दवाइयां साइड इफेक्ट करती हैं। डॉक्टर सलाह पर लें दवा।
जवाब : ये तो सरासर गलत अफवाह है। इसका एक ही जवाब है कि अगर दवा होमियोपैथ की दवा असर नहीं कर रही है तो कमी डॉक्टर में हो सकती है दावा में नहीं।
तीसरी अफवाह: दवाइयां लिक्विड में ज्यादा प्रभावीं होती हैं, शूगर पील्स में नहीं। शूगर पील्स में एल्कोहल यानी दवाइयां उड़ जाती हैं।
जवाब : ये किताबी ज्ञान है। इससे मरीजों को बचना चाहिए। दवाइयां दोनों तरीके यानी लिक्विड और शूगर पील्स में बराबर असर करती हैं। शूगर पील्स तो अब शुगर के मरीज भी खा लेते हैं।
चौथी अफवाह: होमियोपैथ की दवा धीरे-धीरे असर करती है,नहीं खाएं।
जवाब : हां, होमियोपैथ की कुछ दवाइयां धीरे-धीरे असर करती हैं। लेकिन वह बहुत असरदार होती हैं। जटिल रोगों के मरीज आज भी होम्योपैथी की दवा का उपयोग कर रहे हैं। देश ही नहीं विदेशों में भी करोड़ों मरीज हैं जो इस पद्धति की दवाइयों का अपनाकर अपनी गंभीर बीमारियों का ठीक कर चुक हैं।