Cigarette Smokers: कई लोग मानते हैं कि सिगरेट पीने से तनाव कम होता है, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। सिगरेट पीने के बाद जो थोड़ा आराम महसूस होता है, वह बस कुछ समय के लिए होता है। यह आराम असली नहीं बल्कि दिमाग के खेल का हिस्सा है। सिगरेट, चाय या शराब जैसी चीजें आपको लंबे समय तक शांति नहीं दे सकतीं।
निकोटीन कैसे करता है दिमाग पर असर
सिगरेट में निकोटीन नाम का एक केमिकल होता है, जो आपके दिमाग में डोपामाइन (खुशी का केमिकल) रिलीज करता है। यह आपको कुछ समय के लिए रिलैक्स महसूस कराता है। लेकिन जैसे ही निकोटीन का असर खत्म होता है, आपका दिमाग फिर से इसे पाने के लिए बेचैन हो जाता है। इस बेचैनी से छुटकारा पाने के लिए आप फिर से सिगरेट पीने लगते हैं।
क्यों बढ़ती है सिगरेट की तलब
निकोटीन की लत
बार बार सिगरेट पीने से दिमाग निकोटीन का आदी हो जाता है। यह आदत धीरे धीरे लत में बदल जाती है, जिससे इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
वापसी के लक्षण
जब निकोटीन का असर खत्म होता है, तो शरीर में चिड़चिड़ापन, बेचैनी और तनाव जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। इन लक्षणों को दूर करने के लिए लोग और ज्यादा सिगरेट पीने लगते हैं।
भावनात्मक जुड़ाव
कई बार लोग सिगरेट को खास स्थितियों या भावनाओं से जोड़ लेते हैं, जैसे तनाव, गुस्सा या अकेलापन। इन ट्रिगर्स की वजह से सिगरेट की तलब बढ़ती है।
सिगरेट क्यों बढ़ाती है तनाव
सिगरेट पीने से ऐसा लगता है कि तनाव कम हो रहा है, लेकिन यह सिर्फ शॉर्ट टर्म असर है। जब निकोटीन का असर खत्म होता है, तो तनाव और बढ़ जाता है। यही कारण है कि लोग बार बार सिगरेट पीते हैं, लेकिन उनका तनाव असल में कभी खत्म नहीं होता।
सिगरेट छोड़ने के फायदे
सिगरेट छोड़ने से न सिर्फ आपकी सेहत बेहतर होगी, बल्कि तनाव को मैनेज करना भी आसान हो जाएगा। इसके लिए आप मेडिटेशन, योगा या किसी हेल्दी आदत को अपनाएं। शुरुआत में मुश्किल लग सकता है, लेकिन धीरे धीरे आप बेहतर महसूस करेंगे।