Smoking after meals : खाने के बाद सिगरेट पीने की आदत कई कारणों से होती है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कारण शामिल हैं। ये आदत कुछ समय के लिए संतोष देती है, लेकिन इसके गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव होते हैं। कई लोग मानते हैं कि खाने के बाद सिगरेट का अपना अलग ही मजा है, और यह आदत उनके लिए एक तरह का रिलैक्स बन जाता है। यह आदत कई सालों से लोगों में गहराई तक बसी हुई है।
सिगरेट के असर और शरीर पर प्रभाव
सिगरेट पीने का शरीर पर बहुत बुरा असर होता है। यह दिल, फेफड़े, और मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित करता है। सिगरेट में मुख्य रूप से निकोटिन होता है, जो मस्तिष्क में रासायनिक बदलाव लाता है। समय के साथ, जब लोग नियमित रूप से सिगरेट पीने लग जाते हैं, तो उनका मस्तिष्क निकोटिन का आदी हो जाता है। जब वे सिगरेट नहीं पीते, तो उन्हें घबराहट और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।
खाने के बाद सिगरेट पीने की आदत
खाने के बाद सिगरेट पीने की आदत एक सामान्य इच्छा से ज्यादा होती है, यह एक परमानेंट आदत बन जाती है। जब लोग खाने के बाद सिगरेट पीते हैं, तो यह उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाती है। कुछ लोग इस आदत को छोड़ने में कठिनाई महसूस करते हैं, क्योंकि उनके लिए यह आदत आराम और संतोष का प्रतीक बन जाती है। कुछ शोध बताते हैं कि सिगरेट खाने के बाद और भी स्वादिष्ट लगती है, खासकर जब व्यक्ति ने ठोस भोजन खाया हो।
भूख को दबाने के लिए सिगरेट पीना
कुछ लोग खाना खाने के बाद अपनी भूख को कम करने के लिए सिगरेट पीते हैं, क्योंकि निकोटिन भूख को दबा सकता है। यह उन लोगों के लिए एक आदत बन जाती है, जो अधिक खाने से बचना चाहते हैं। इसके अलावा, यह सिगरेट खाने का एक तरीका भी बन जाता है, जिससे व्यक्ति को खाना खत्म करने का एहसास होता है।
डोपामिन का प्रभाव
सिगरेट पीने से मस्तिष्क में डोपामिन नामक रसायन रिलीज होता है, जो खुशी और संतोष का अहसास कराता है। हालांकि यह अस्थायी होता है, यह आदत को और मजबूत करता है। स्मोकर्स को यह महसूस होता है कि वे सिगरेट के बिना आराम महसूस नहीं कर सकते। वहीं, ताजे फल और दूध जैसे खाद्य पदार्थ कम सिगरेट की इच्छा पैदा करते हैं।
भारत में स्मोकिंग की स्थिति
भारत में तंबाकू का उपयोग एक बड़ी समस्या बन चुका है। 2022 में करीब 253 मिलियन लोग तंबाकू का सेवन कर रहे थे, जिससे यह भारत को तंबाकू उपयोग में दूसरे स्थान पर लाता है। सिगरेट और बीड़ी जैसे तंबाकू उत्पादों का स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू के कारण भारत में कई गंभीर बीमारियाँ होती हैं, जैसे कैंसर और हृदय रोग।
स्वास्थ्य पर असर और समाधान
भारत में तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं, जैसे सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध। स्मोकिंग छोड़ने के लिए चिकित्सीय सहायता, जैसे कि व्यवहारिक चिकित्सा, निकोटिन रिप्लेसमेंट, और माइंडफुलनेस तकनीकों का सहारा लिया जा सकता है।
स्वस्थ आदतें अपनाना
स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए खाने के बाद सिगरेट की जगह कुछ और गतिविधियाँ की जा सकती हैं, जैसे हर्बल चाय पीना या चीनी रहित गम चबाना। इससे सिगरेट पीने की आदत को बदलने में मदद मिल सकती है और यह एक स्वस्थ आदत बन सकती है।