General knowledge: हम सबने देखा है कि डॉक्टर्स के पास जाने पर वो इंजेक्शन कभी हाथ में तो कभी कमर पर लगाते है अक्सर ये सवाल रहता है,कि डॉक्टर्स ऐसा क्यों करते है।क्या वह अपनी मर्जी से ऐसा करते है।या फिर मरीज़ की हालत देख कर ये तय करते है ,की इंजेक्शन कहां लगाया जाए कमर पर या हाथ पर।या और साइंटिफिक रीजन है इसके पीछे।
इंजेक्शन हाथ में क्यों दिए जाते हैं?
हाथ में ज्यादातर ऐसे इंजेक्शन दिए जाते हैं जिनका असर जल्दी चाहिए होता है।दर्द निवारक, टीकाकरण, कुछ एंटीबायोटिक्स
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कैसे काम करते हैं?
हाथ में दिए गए इंजेक्शन सीधे मांसपेशियों में जाते हैं, जहां से दवा तुरंत खून में मिल जाती है। जिससे बहुत हल्का दर्द होता है, जो जल्दी चला जाता है। इसमें पतली और छोटी सुई का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है।
कमर पर इंजेक्शन क्यों लगाए जाते हैं
कमर पर वे इंजेक्शन दिए जाते हैं जिनका असर धीरे-धीरे चाहिए होता है या जिनका शरीर पर लंबे समय तक प्रभाव रहना जरूरी होता है। हार्मोनल दवाएं,स्टेरॉइड्स,कुछ खास दर्द निवारक
कैसे काम करते हैं
कमर के इंजेक्शन चर्बी वाले हिस्से में दिए जाते हैं, जहां से दवा धीरे-धीरे खून में मिलती है।इसमें थोड़ा ज्यादा दर्द हो सकता है क्योंकि दवा धीरे-धीरे असर करती है।इसमें मोटी और लंबी सुई का इस्तेमाल होता है ताकि दवा गहराई तक पहुंच सके।
सुई में क्या फर्क होता है?
हाथ की सुई: छोटी और पतली होती है, जिससे दवा जल्दी असर करती है।
कमर की सुई: लंबी और मोटी होती है, ताकि दवा धीरे-धीरे असर करे।
डॉक्टर कौन सी सुई चुनते हैं?
डॉक्टर सुई का चुनाव मरीज की बीमारी, दवा की जरूरत और असर करने के आधार पर करते हैं। यह सिर्फ आराम के लिए नहीं किया जाता, बल्कि मरीज के आराम और इलाज को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है।