Wednesday, October 1, 2025
  • Login
News1India
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • विदेश
  • राज्य ▼
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
  • Home – Copy
EDITION
🇮🇳 IN ▼
🌬️
🔔 1
🔍
Home Uncategorized

Mango Farming: आम की वो किस्में जो बन रही हैं किसानों की पहली पसंद, जिनसे मिल रहा कई गुना मुनाफा

आम की इन नई उन्नत किस्मों की खेती करके किसान कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। ये किस्में स्वाद, रंग, सुगंध और पोषण में बेहतर हैं और बाजार में इनकी भारी मांग है।

Sadaf Farooqui by Sadaf Farooqui
April 30, 2025
in Uncategorized
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Improved Mango Varieties: भारत में आम को यूं ही ‘फलों का राजा’ नहीं कहा जाता। इसकी मिठास, गजब की खुशबू और बेहतरीन स्वाद ने इसे न केवल देशभर में पसंदीदा फल बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी भारी मांग है। समय के साथ वैज्ञानिकों ने आम की कई ऐसी खास किस्में तैयार की हैं, जिनसे न केवल अच्छी पैदावार मिलती है, बल्कि ये रोगों के प्रति भी काफी हद तक सुरक्षित होती हैं। अगर आप भी आम की खेती करने की सोच रहे हैं, तो इन नई किस्मों को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

पूसा प्रतिभा (Pusa Pratibha)

यह किस्म 2012 में पेश की गई थी और पूरे देश में आसानी से उगाई जा सकती है, खासकर उत्तर और मध्य भारत में।

RELATED POSTS

No Content Available

प्रति हेक्टेयर 13 से 15 टन उपज देती है।

फल लाल छिलके और नारंगी गूदे वाले होते हैं, जो दिखने में काफी सुंदर होते हैं।

इसका गूदा 71% तक होता है और वजन करीब 181 ग्राम होता है।

इसमें भरपूर विटामिन C और बीटा-कैरोटीन पाया जाता है।

फल 7-8 दिन तक खराब नहीं होते और एक्सपोर्ट के लिए भी बेहतरीन हैं।

पूसा श्रेष्ठ (Pusa Shresth)

यह भी 2012 में विकसित हुई किस्म है जो पूरे देश में उगाई जा सकती है।

इसकी पैदावार 12 से 16 टन प्रति हेक्टेयर होती है।

फल लंबे होते हैं और इनमें 71.9% गूदा होता है।

इनमें मिठास ज्यादा (20 ब्रिक्स) होती है और स्वाद लाजवाब होता है।

7 से 8 दिन तक ये फल ताजे बने रहते हैं।

घरेलू और विदेशी बाजारों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।

पूसा पीतांबर (Pusa Peetambar)

यह किस्म भी 2012 में आई और पूरे देश में सफलतापूर्वक उगाई जाती है।

12-16 टन प्रति हेक्टेयर पैदावार देती है।

फल पीले और गोल-लंबे होते हैं, वजन करीब 213 ग्राम होता है।

गूदा रसीला और स्वादिष्ट होता है, जिसमें 39.8 मिग्रा विटामिन C होता है।

ये फल भी 5 से 6 दिन तक ताजे रहते हैं।

पूसा लालिमा (Pusa Lalima)

पूसा लालिमा भी 2012 में आई एक उन्नत किस्म है।

12 से 15 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है।

इसके फल लाल-नारंगी छिलके और नारंगी गूदे वाले होते हैं।

फलों का वजन करीब 209 ग्राम और गूदा भी भरपूर होता है।

ये फल 5 से 6 दिन तक ताजगी बनाए रखते हैं।

पूसा मनोहरी (Pusa Manohari)

यह किस्म सबसे नई है और इसे 2021 में बाजार में लाया गया।

15 से 17 टन प्रति हेक्टेयर तक की जबरदस्त पैदावार देती है।

फल दिखने में हरे-पीले होते हैं, ऊपर हल्का गुलाबी रंग होता है और अंदर गूदा लाल-नारंगी।

इसमें मिठास, खुशबू और पोषण भरपूर मात्रा में होता है।

ये फल निर्यात के लिए बहुत उपयुक्त माने जाते हैं।

Tags: Agricultural InnovationMango Farming
Share196Tweet123Share49
Sadaf Farooqui

Sadaf Farooqui

Related Posts

No Content Available
Next Post
Kanpur में पहली बार Rahul Gandhi के सामने आया पहलगाम अटैक का पूरा सच, शुभम की पत्नी से कहा ‘अब PM को लिखूंगा पत्र’

Kanpur में पहली बार Rahul Gandhi के सामने आया पहलगाम अटैक का पूरा सच, शुभम की पत्नी से कहा ‘अब PM को लिखूंगा पत्र’

कभी था हर घर की पसंद, अब क्यों हो गया गुमनाम जानिए निरमा के उत्थान से पतन की कहानी

कभी था हर घर की पसंद, अब क्यों हो गया गुमनाम जानिए निरमा के उत्थान से पतन की कहानी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News1India

Copyright © 2025 New1India

Navigate Site

  • About us
  • Privacy Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
    • दिल्ली
    • हरियाणा
    • राजस्थान
    • छत्तीसगढ़
    • गुजरात
    • पंजाब
  • क्राइम
  • टेक्नोलॉजी
  • धर्म
  • मौसम
  • ऑटो
  • खेल
  • Home – Copy

Copyright © 2025 New1India

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version