चित्रकूट में ‘अजब-गजब’ के गधे उड़ाए हुए हैं गर्दा, सलमान, शाहरुख और अभिताभ के बजाए लॉरेंस सबसे महंगा बिका 

चित्रकुट में लगा मेला, मेले में फिल्मी एक्टर्स और खिलाड़ी, डॉन के नाम वाले गधों की हो रही खरीदारी, कारोबारी मुंहमांगी कीमत देकर खरीद रहे खच्चर और गधा।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। धार्मिक नगरी चित्रकूट में हरसाल दीपावली पर्व पर देश व विदेश से हजारों भक्त पहुंचते हैं और कामतानाथ भगवान के दर्शन कर पुण्ण कमाते हैं। इस वर्ष भी दिवाली पर करीब 40 लाख श्रद्धालु भगवान श्रीराम की तपोभूमि पहुंचे और कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा की। इनसब के बीच यहां औरंगजेब के शासनकाल से एक विशाल मेले का आयोजन होता आ रहा है, जो इस वर्ष भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह मेला मंदाकिनी नदी के किनारे आयोजित होता है, जिसमें कई राज्यों से बड़ी संख्या में व्यापारी इस गधे मेले में पहुंचते हैं और गधों की खरीदारी करते हैं। कोई यहां गधों को बेचने आता है तो कोई खरीदने के लिए आता है।

चित्रकूट स्थित मंदाकनी नदी के किनारे ऐतिहासिक मेला लगा हुआ है, खास गदों को लेकर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस बार के गधे मेले में अलग-अलग राज्यों से लगभग 15 हजार गधे आए है। ये गदे र अलग-अलग कद काठी के है। जिनकी कीमत ं 5 हजार से लेकर तीन लाख तक की है। मेले में गदों के नाम गर्दा उड़ाए हुए हैं। गदों के मालिक बकाएदा उनकी पीठ पर नाम लिखवाए हुए हैं। इनमें किसी गधे का नाम सलमान खान है तो किसी गधे का नाम शारुख खान है। इस मेले में लॉरेंस बिश्नोई, अमिताभ बच्चन,काजोल, शाहरुख खान, सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे कई फिल्मी सितारों के नाम वाले गधे- घोड़े और खच्चर शामिल हुए।

मेले में देश के कोने-कोने से व्यापारी आए हुए है। गधा व्यापारियों ने जांच परख कर इन जानवरों की खरीदारी की। इस मेले में तीन दिनों के दौरान करीब आठ हजार गधे बिक गए। एक कारोबारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक पालक लॉरेंस बिश्नोई नाम का गदा लेकर आया। कारोबारी ने बताया कि पालक ने गधे की कीमत दो लाख रखी हुई थी। मैंने उसे खरीदना चाहा तभी दूसरे अन्य व्यापारी भी आ गए। गधे की बोली लगनी शुरू हो गई। आखिर में लॉरेंस नाम का गदे को मैंने चार लाख में खरीदा। कारोबारियों ने बताया कि सलमान खान के नाम वाले गधे भी मुंहमांगी कीमत पर बिक रहे हैं। अमिताभ बच्चन के नाम वाला गधा भी करीब दो लाख में बिका।

पिछले साल ‘सलमान’ 1.85 लाख और ‘शाहरुख’ 1.25 लाख रुपए में बिका था। बसंती नाम की गधी 85 हजार रुपए में बिकी थी। मेले में बिकने वाले गधों का इस्तेमाल निर्माण कार्यों और ईंट-भट्टों में माल ढोने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि इस मेले की शुरुआत औरंगजेब के दौर (सन 1670) में हुई थी, जब उसने निर्माण कार्यों के लिए गधों की खरीद कराई थी। राजस्थान के पुष्कर मेले के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। इस वर्ष यूपी, एमपी, बिहार, नेपाल और अफगानिस्तान से व्यापारी आए। एक महिला व्यापारी भी घूंघट डालकर मेले में पहुंची। एक महिला व्यापारी ने 15 जानवर खरीदे।

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