अमेरिका ने 7 महीने में निकाले 1700 से ज्यादा भारतीय, पंजाब-हरियाणा के युवाओं की सबसे ज्यादा संख्या

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,703 लोगों में से सबसे अधिक 620 लोग पंजाब से थे जिन्हें अमेरिका ने देश से निकाला। इसके बाद हरियाणा के 604, गुजरात के 245 और जम्मू-कश्मीर के 10 लोगों को अमेरिका ने डिपोर्ट किया।

America Deportation

America Deportation : विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि वर्ष 2025 के पहले सात महीनों में अमेरिका ने कुल 1,703 भारतीय नागरिकों को अपने देश से निकाला है, जिनमें 141 महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2020 से 2024 के बीच अमेरिका से कुल 5,541 भारतीयों को निर्वासित किया गया था, जबकि 2025 में 22 जुलाई तक यह संख्या 1,703 तक पहुंच चुकी है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों (2020 से 2024) के दौरान ब्रिटेन से 311 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला गया, जबकि वर्ष 2025 में अब तक 131 भारतीयों को देश से निकाला गया है। सरकार का कहना है कि ब्रिटेन से निकाले गए लोगों की सही संख्या में कुछ अंतर हो सकता है क्योंकि कई बार वैध दस्तावेज रखने वाले लोगों को भी निर्वासित कर दिया जाता है। इसके अलावा, जिन नागरिकों को इमरजेंसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट (ETD) जारी किए जाते हैं, वे सभी इनका उपयोग नहीं कर पाते क्योंकि कुछ लोग निर्वासन के खिलाफ अपील कर देते हैं।

किस राज्य से कितने लोग?

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 1,703 भारतीयों में से सबसे अधिक 620 लोग पंजाब से हैं। इसके बाद हरियाणा के 604 नागरिक, गुजरात से 245, और जम्मू-कश्मीर से 10 लोग शामिल हैं। इसके अलावा, 6 लोगों के राज्यों की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है।

डिपोर्टेशन प्रक्रिया कैसे हुई?

मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने जानकारी दी कि 20 जनवरी से 22 जुलाई 2025 के बीच अमेरिका ने 1,562 पुरुष और 141 महिलाओं को भारत वापस भेजा। उन्होंने बताया कि डिपोर्टेशन प्रक्रिया कई माध्यमों से पूरी की गई:

  • फरवरी 2025 में 333 भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमानों से डिपोर्ट किया गया।

  • मार्च में 231 लोगों को यूएस ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) के चार्टर्ड फ्लाइट्स से भेजा गया।

  • जुलाई में 300 भारतीयों को अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) के चार्टर्ड विमानों द्वारा भारत लाया गया।

  • व्यावसायिक उड़ानों से व्यक्तिगत या छोटे समूहों में 767 भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया।

  • पनामा से 72 भारतीयों को भी अलग-अलग समय पर कमर्शियल फ्लाइट्स के ज़रिए भारत भेजा गया।

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क्या हुआ मानवीय व्यवहार को लेकर?

लोकसभा में DMK सांसद कनिमोझी ने विदेश मंत्रालय से यह सवाल पूछा कि क्या डिपोर्ट किए गए नागरिकों के साथ बेहतर व्यवहार और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कोई राजनयिक प्रयास किए गए हैं। इस पर मंत्री ने जवाब में कहा कि भारत सरकार अमेरिका के साथ इस विषय पर लगातार संपर्क में है। उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों के साथ डिपोर्टेशन के दौरान बेड़ियों के उपयोग को लेकर भारत ने अमेरिका के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

साथ ही, भारत ने अमेरिका से आग्रह किया कि धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान किया जाए — जैसे पगड़ी पहनने और खानपान संबंधी प्राथमिकताओं का ध्यान रखा जाए। मंत्री ने यह भी बताया कि 5 फरवरी 2025 के बाद से किसी भी डिपोर्ट किए गए व्यक्ति की फ्लाइट पर दुर्व्यवहार की कोई औपचारिक शिकायत भारत सरकार को प्राप्त नहीं हुई है।

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