Noshki attack: बलूचिस्तान में बढ़ता विद्रोह… एक और हमले से दहला नोशकी

बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति और बिगड़ गई है। जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग के बाद अब नोशकी में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर बड़ा हमला हुआ। बीएलए ने जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि इस हमले में 90 सैनिक मारे गए हैं।

Noshki

Noshki attack: बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हाल ही में दो बड़े हमलों ने क्षेत्र में अस्थिरता को और गहरा दिया है। पहला हमला जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हुआ था, जिसे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हाईजैक कर लिया था। इस घटना में पाकिस्तानी सेना और बीएलए के बीच 30 घंटे से अधिक समय तक संघर्ष चला, जिसमें कई लोग मारे गए। अभी इस घटना की गूंज थमी भी नहीं थी कि नोशकी में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर एक और बड़ा हमला हो गया। इस हमले की जिम्मेदारी भी बीएलए ने ली है।

बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने दावा किया कि उनकी फिदायी इकाई मजीद ब्रिगेड ने इस हमले को अंजाम दिया। उनके अनुसार, हमले का निशाना सेना का एक काफिला था, जिसमें आठ बसें शामिल थीं। बीएलए ने कहा कि एक बस पूरी तरह नष्ट हो गई और इस हमले में 90 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। हालांकि, पाकिस्तानी सेना या सरकार की ओर से इस दावे की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

हमला कैसे हुआ?

Noshki में हुए इस ताजा हमले की खबरें 15 मार्च 2025 को सामने आईं। स्थानीय सूत्रों और “द बलूचिस्तान पोस्ट” के अनुसार, यह हमला आरसीडी हाईवे पर रसखान मिल के पास हुआ। हमले की शुरुआत कई सिलसिलेवार धमाकों से हुई, जिसके बाद भारी गोलीबारी की गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर कई एंबुलेंस और सुरक्षा बलों को रवाना होते देखा गया।

Noshki हमले के बाद नोशकी और आसपास के अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है। यह हमला जाफर एक्सप्रेस हाईजैकिंग के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने 33 हमलावरों को मारने और 300 से अधिक यात्रियों को बचाने का दावा किया था। उस घटना में 26 बंधकों की मौत हुई थी, जिनमें 18 सैनिक शामिल थे।

बीएलए के दावे और सेना के आरोप

बीएलए लंबे समय से बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलन चला रही है। उनका आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय बलूच आबादी को इसका लाभ नहीं मिल रहा। हाल के महीनों में बीएलए के हमलों में तेजी आई है, जिसमें नागरिकों और सैन्य ठिकानों दोनों को निशाना बनाया गया है।

दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इन हमलों को विदेशी ताकतों से जोड़ा है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने हाल ही में कहा था कि बीएलए को अफगानिस्तान में मौजूद हैंडलर्स से निर्देश मिल रहे हैं और भारत इसका मुख्य प्रायोजक है। हालांकि, भारत और अफगानिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है।

स्थिति अभी भी गंभीर

वर्तमान में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बीएलए जहां बड़े पैमाने पर नुकसान का दावा कर रही है, वहीं आधिकारिक सूत्रों से पूरी जानकारी का इंतजार है। बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा और सुरक्षा संकट ने राजनीतिक परिस्थितियों को और अधिक जटिल बना दिया है।

इस Noshki हमले ने बलूचिस्तान में चल रहे विद्रोह की गंभीरता को फिर से उजागर किया है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक नई चुनौती पेश की है। पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इस संकट का कोई ठोस समाधान निकाल सके।

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